12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान, फोटो और उनकी कथाएं

12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान, फोटो और उनकी कथाएं

क्या आप जानते हैं “भारत में 12 ज्योतिर्लिंग कौन कौन से है और कहां कहां स्तिथ है और इन सभी ज्योतिर्लिंग की पौराणिक कथाएं क्या है“। अगर आप “12 Jyotirling Ke Naam, Sthan, Photo Or Unki Kathayen” के बारे में नही जानते, तो आज आपको सभी ज्योतिर्लिंगों की जानकारी बताने वाले हैं।

भारत में कुल कितने ज्योर्तिर्लिंग हैं और कौन सा ज्योतिर्लिंग कौन से राज्य और स्थान पर स्तिथ है, ऐसे प्रश्न आपके मन में जरुर आते होंगे। धार्मिक आस्था से जुड़ा आज का लेख पढ़ने के बाद आपको पता चल जाएगा कि 12 ज्योतिर्लिंग कौन कौन से हैं, कहां स्तिथ है और इनकी पौराणिक कथाएं (कहानी) क्या है। जय भोले नाथ, जय महाकाल बाबा का नाम लेकर यह लेख प्रारम्भ करते हैं।

ऐसा कहां जाता है कि 12 ज्योतिर्लिंग का सबका अपना अलग अलग महत्त्व होता है, अगर कोई व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से इन ज्योर्तिर्लिंग के दर्शन कर कुछ मांगे तो भक्तों की इच्छा जरुर पूरी होती है। जो व्यक्ति जीवन में एक बार शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर लेता है तो वह सभी दोषों से मुक्त होकर मृत्यु पश्चात मोक्ष को प्राप्त कर लेता है।

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क्या है ज्योर्तिर्लिंग का मतलब

ज्योतिर्लिंग भगवान के शिव के स्वयं भू का आकार होता है, ज्योतिर्लिंग मानव द्वारा निर्मित नहीं होते हैं, बल्कि ये स्वयं प्रकट होते है, ऐसा माना जाता है कि ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का ही रूप होते हैं यहां भगवान शिव की ज्योति से प्रकट होते हैं।

ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति का रहस्य श्री शिव महापुराण में बताया गया है, श्री शिव महापुराण के अनुसार एक बार विष्णु जी और ब्रह्मा जी के बीच वर्चस्व को साबित करने के लिए युद्ध हो गया था, जिसका हल ढूंढने के लिए भगवान शिव ने एक योजना बनाई भगवान शिव ने प्रकाश के एक विशाल स्तंभ से तीनों लोगों को छेद दिया था।

इसके बाद भगवान शिव ने ब्रह्मा जी और विष्णु जी को उस प्रकाश का अंत खोजने को कहा परंतु दोनों इस काम को करने में असफल रहे, विष्णु जी ने तो अपनी हार स्वीकार कर ली, परंतु ब्रह्म जी ने शिव जी से झूट बोला की मुझे प्रकाश का अंत मिल गया है।

जिसके बाद शिव जी ने नाराज हो कर ब्रह्मा जी को श्राप दे दिया है, श्री शिव महापुराण में बताया गया जो शिव जी ने प्रकाश के विशाल स्तंभ से जो छेद किया था उसे ज्योतिर्लिंग कहते है, और इसी से ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति हुई है।

12 ज्योतिर्लिंग के नाम, स्थान, फोटो और उनकी कथाएं

भगवान शिव शंकर की भारत में कुल 12 ज्योर्तिलिंग है, इन सभी ज्योर्तिलिंग के नाम, मंदिर का स्थान, पौराणिक कथाएं (कहानी) और इनके फोटो निम्न जानकारी में दिए गए हैं –

1 – सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात

गुजरात के सौराष्ट्र प्रांत के वेरावल में भगवान शिव का पहला ज्योतिर्लिंग स्थित है, यहां भारत का सबसे पवित्र और बहुत ही प्रसिद्ध शिव मंदिर एवं ज्योतिर्लिंग है, पुराणों में ऐसा बताया गया है कि एक बार चंद्रमा को प्रजापति दक्ष ने छह रोग का श्राप दिया था, उस श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्रमा ने सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के स्थान पर कठिन तपस्या की थी जिस पर प्रसन्न होकर भगवान शिव ने चंद्रमा को उस श्राप से मुक्त कर दिया था, तभी से यहां जगह सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जानी जाती है।

2 – महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से दूसरा ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे पर स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है, यहां बहुत ही लोकप्रिय और पवित्र ज्योतिर्लिंग है इस मंदिर में स्थित शिवलिंग भारत की एकमात्र ऐसी शिवलिंग है जिसका मुख दक्षिण की ओर है, भगवान महाकालेश्वर के परिसर में लगभग 100 से भी ज्यादा मंदिर है जिनमें रोजाना भगवान शंकर की पूजा अर्चना होती है।

3 – ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश

ओम्कारेश्वर भगवान शिव की तीसरी और सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है, यहां मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में नर्मदा नदी के तट पर विराजमान है, नर्मदा नदी को भगवान शिव की पुत्री कहा जाता है, नर्मदा नदी के किनारे एक ओंम आकार के द्वीप पर यहां मंदिर स्थित है इसीलिए इसे ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।

4 – मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश

मल्लिका अर्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कृष्णा नदी के पास श्री शैल पर्वत पर विराजमान है इस पर्वत को दक्षिण भारत का कैलाश पर्वत भी कहा जाता है इस ज्योतिर्लिंग की ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी हाथ दर्शन करने आता है उसके सारे पाप धुल जाते हैं, इस मंदिर में माता पार्वती को मल्लिका और भगवान शिव को अर्जुन के रूप में पूजा जाता है।

5 – केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखण्ड

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है यह अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के तट पर केदार नामक चोटी पर स्थित है यहां भारत का सबसे लोकप्रिय ज्योतिर्लिंग एवं मंदिर है ऐसा माना जाता है कि चार धाम यात्रा करते समय अगर आप केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं करते हैं तो आपकी यात्रा अधूरी है।

6 – त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र 

महाराष्ट्र में भगवान शिव के 3 ज्योतिर्लिंग विराजमान है जिनमें से त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक से 30 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में गोदावरी नदी के तट पर स्थित है त्रंबकेश्वर मंदिर के अंदर पानी का एक बहुत ही पवित्र कुंड स्थित है,श्री शिव महापुराण में कहा गया है कि एक बार ऋषि और गोदावरी के कहने पर भगवान शिव यहां पर रुके थे, तभी से इस जगह को त्रंबकेश्वर के नाम से जाना जाता है।

7 – भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र 

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे में सादरी नामक पर्वत पर स्थित है भीमशंकर मंदिर की ज्योतिर्लिंग काफी भीम और विशाल है इसलिए इस मंदिर का नाम बिजवासन भी है, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग बहुत ज्यादा मोटी है इसलिए इसे मोटेश्वर ज्योतिर्लिंग के नाम से भी जाना जाता है।

8 – घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र 

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित है दोस्तों ऐसा माना जाता है कि एक पति-पत्नी खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे उनका नाम सुदेश और सुधर्म था उनकी कोई संतान नहीं थी, जिसके बाद सुदेश ने सुधर्म की शादी अपनी बहन के साथ करवा दी इसके बाद उनका एक बालक हुआ, जिससे सुदेश समाज के डर से उस बालक को झील में फेंक दिया उसके बाद सुदेश ने उस झील में 101 शिवलिंग विसर्जित की, उसके बाद भगवान शिव ने उनकी संविधान को वापस लौटा दिया तभी से घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना हुई।

9 – काशीविश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश 

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी राज्य में स्थित है ऐसा कहा जाता है कि यहां स्थान भगवान शिव को इतना भा गया था कि उन्होंने कैलाश पर्वत को छोड़कर इसी जगह को अपना निवास स्थान बना लिया था काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर को महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा सन 1780 में बनाया गया था।

10 – वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर जिले में स्थित है ऐसा कहा जाता है कि रावण ने भगवान शिव की कड़ी कपस्या की थी जिसके वरदान में रावण ने भगवान शिव को लंका ले जाने की मांग की थी भगवान शिव ने रावण से शर्त रखी थी कि मैं लंका तो चलूंगा पर मेरी शिवलिंग को किसी भी जगह पर नीचे नहीं रखनी है, तभी भगवान विष्णु ने लीला रची और उस शिवलिंग को नीचे रख दिया तभी इस ज्योतिर्लिंग का निर्माण हुआ।

11 – नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के नगरी द्वारका में स्थित है, यह एक विशेष तीर्थ स्थल है जिसे दरुकावने नागेश की संज्ञा दी गई है, नागेश्वर का शाब्दिक अर्थ देवता होता है, जो की भगवान शिव के महात्म्य को दर्शाता है।

12 – रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु 

यह ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है यहां भारत का सबसे प्रसिद्ध एवं भव्य मंदिर है ऐसा माना जाता है कि प्रभु श्री राम जब लंका जा रहे थे तब उन्होंने रामेश्वरम में विश्राम किया था तब वहां नदी में पानी पीने गए तो आकाशवाणी हुई कि आप इस नदी का पानी नहीं पी सकते तभी भगवान श्रीराम ने वहां पर रेत की शिवलिंग बनाई और फिर भगवान शिव वहां पर प्रकट हुए तभी इस ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति हुई।

शिव के 12 ज्योर्तिलिंग के नाम और स्थान

ज्योर्तिलिंग
की संख्या
ज्योर्तिलिंग के नाम
(Jyotirling Naam)
स्थान
कहां कहां स्तिथ है
1सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
(Somnath Jyotirlinga)
गुजरात
(Gujrat)
2महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
(Mahakaleshwar Jyotirlinga)
उज्जैन म.प्र.
(Ujjan M.P)
3ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग
(Omkareshwar Jyotirlinga)
ओमकारेशर मध्य प्रदेश
(Omkareshwar Madhya Pradesh)
4मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
(Mallikarjun Jyotirlinga)
शेल पर्वत आंध्र प्रदेश
(Shell Parvat Aandra Pradesh)
5केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
(Kedarnath Jyotirlinga)
रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
(Rudraprayag Uttrakhand)
6त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
(Trimbakeshwar Jyotirling)
त्रंबकेश्वर, महाराष्ट्र
(Trimbakeshwar Maharashtra)
7भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
(Bhimashankar Jyotirlinga)
पुणे, महाराष्ट्र में सादरी पर्वत पर
(Pune Maharashtra)
8घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
(Grishneshwar Jyotirlinga)
औरंगाबाद , महाराष्ट्र
(Orangabad Maharashtra)
9काशीविश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
Kashi Vishwanath Jyotirlinga)
वाराणसी , उत्तर प्रदेश
(Varanashi Uttar Pradesh)
10वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
(Vedhnath Jyotirlinga)
देवघर, झारखंड
(Devghar Jharkhand)
11नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
(Nageshwar Jyotirlinga)
द्वारका, गुजरात
(Dawaraka Gujrat)
12रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
(Rameshwar Jyotirlinga)
रामेश्वर , तमिलनाडु
(Rameshwar, Tamilnadu)
शिव के 12 ज्योर्तिलिंग के नाम और स्थान

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निष्कर्ष –

महाकाल बाबा यानी शिव जी के 12 Jyotirlinga के बारे में उक्त लेख १२ ज्योर्तिलिंग के नाम और यह ज्योर्तिलिंग कहां कहां स्तिथ है। और सभी ज्योर्तिलिंग की पौराणिक कथाओं (कथाएं) के बारे में भी आपको बताया। मुझे लगता है कि आपको इस लेख से जरुर आपके काम लायक जानकारी मिली होगी। अगर आपके मन में ज्योतिर्लिग से संबंधित कोई प्रश्न हो तो हमे कमेंट में लिखे, आपकी हेल्प की जावेगी।

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