आज आपको शिवाजी महाराज का जीवन परिचय Shivaji Maharaj Biography in Hindi की जानकारी विस्तार से बताया गया है।
छत्रपति शिवाजी के बारे में आज भारत का हर व्यक्ति जानना चाहता है कि आखिर शिवाजी महाराज इतने लोकप्रिय क्यों हैं और कुछ लोगों को तो यह भी पता नहीं है कि शिवाजी महाराज कौन है। अगर आप नही जानते कि शिवाजी महाराज का इतिहास क्या है शिवाजी महाराज का जीवन से जुड़े समस्त घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
शिवाजी महाराज की जीवनी में शिवाजी महाराज का इतिहास PDF Download के साथ साथ छत्रपति शिवाजी का परिचय में आपकों Shivaji Maharaj Ki Jivni से रिलेटेड जानकारी जैसे शिवाजी का जन्म कब हुआ और कहा हुआ। शिवाजी के मातापिता, पत्नी, भाई, वंश, प्रमुख युद्ध के बारे में, शिवाजी की मृत्यु कब हुई और कहा। शिवाजी के गुरु, शिवाजी महाराज का फोटो आदि के बारे में शिवाजी का इतिहास और जीवन परिचय जानते हैं।
शिवाजी महाराज का जीवन परिचय Shivaji Maharaj Biography in Hindi
नाम | शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) |
पूरा नाम | छत्रपति शिवाजी महाराज । शिवाजी राजे भोंसले |
जन्म दिनांक | 19 फरवरी 1930 ई. |
जन्म स्थान | शिवनेरी दुर्ग, महाराष्ट्र, भारत |
मृत्यु दिनांक | 30 अप्रैल 1680 ई. |
मृत्यु स्थान | रायगढ़ (वर्तमान महाराष्ट्र भारत) |
समाधि स्थल | रायगढ़ किला रायगढ़ मराठा साम्राज्य (वर्तमान महाराष्ट्र भारत) |
व्यवसाय | राजा |
शासनकाल | 1674 ई. से 1680 ई. |
शासनकाल अवधि | 38 वर्ष |
कुल आयु | 50 वर्ष मृत्यु तक |
वंश | भोंसले |
धर्म | हिंदू |
राजघराना | मराठा साम्राज्य |
पिता | शहांजी भोंसले |
माता | जीजाबाई |
शिवाजी की 8 पत्नियों के नाम | 1. सइबाई निम्बालकर (1640-1659) 2. सोयराबाई मोहिते (1680) 3. पुतळाबाई पालकर (1653-1680) 3. सकवरबाई गायकवाड़ (1656-1680) 4. लक्ष्मीबाई विचारे 5. काशीबाई जाधव 6. सगणाबाई शिंदे 7. गुणवंतीबाई इंगळे 8. सकवारबाई गायकवाड |
शिवाजी के बच्चे | 1. संभाजी (माता – सइबाई) 2. राजाराम (माता – सोयराबाई) |
शिवाजी की बेटी | 1. सखुबाई (सइबाई), 2. रूनुबाई (सइबाई), 3. अंबिकाबाई (सइबाई), 4. दीपाबाई (सोयराबाई), 5. कमलाबाई (सकवरबाई) |
राज्याभिषेक | 6 जून, 1674 ई. |
छत्रपति शिवाजी महाराज का परिचय । Shivaji Maharaj Biography in Hindi
शिवाजी महाराज का जीवन परिचय और इतिहास : मुगलों की दासता से मुक्ति दिलाने को अंकृरित करने भारत सपूत शूर:वीर महापुरुषों में शिवाजी का नाम सदैव रमणीय रहेगा। जिस मुगल शासक अत्याचारी औरंगजेब भारत भूमि को रौंद रहा था उस समय सारा देश भय और त्रास से कापता हुआ किकर्तव्यविमूढ़ हो रहा था। चारों ओर से अशान्ति और उत्पीड़ा का क्रन्दन सुनाई पड़ता था। सभी लोग एक-दूसरे का मुंह देख रहे थे। अतएव हिन्दूत्व का विनाश हो रहा था और हिन्दू-स्त्रियों का सतीत्व संकटा-पन्नावस्था को प्राप्त हो गया । हिन्दू धर्म के पतन को लगातार होने से बचाने के लिए किसी ऐसे वीर शुरमा की आवश्यकता थी जो मूगल शासक के दाँत खट्टे कर सके। इस आवश्यकता की पू्ति महावीर छत्रपति शिवाजी ने की थी।
शिवाजी महाराज की शिक्षा और युद्ध कला
धर्मेपरायण जीजाबाई ने बालक शिवाजी के जीवन को उच्च और श्रेष्ठ बनाने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी। इसके लिए जीजबाई ने बालक शिवाजी को धार्मिक पुस्तके रामायण-महाभारत की कथाओ सहित और महान-से-महान योद्धाओं वीर महापुरूषों की प्रेरणादायक गाथाओं को विविध प्रकार से सुनाना आरंभ कर दिया था। इससे बालक शिवाजी के अन्दर स्वाभिमान और शौरये-उत्साह की भावना कट- कुटकर भर गयी। बालक शिवाजी ने अपनी माताश्री जीजाबाई के प्रति अपार श्रद्धा और विश्वास की भावना पूर्णतः दिखाई जिससे माताश्री का उत्साह बढ़ता ही गया। अत्यधिक उत्साहित और प्रेरित होने केकारण ही , वीर शिवाजी ने शवावस्था से ही मल्ल युद्ध, भाले-बछ ओर बाण-विद्या की विविध कलाओं को सीखना आरंभ कर दिया था और अपनी मेधावी शक्ति के कारण अल्प समय में ही छत्रपति शिवाजी महाराज यूद्ध विद्या की कला में निपूर्ण हो गए । शिवाजी के पौरूषपूर्ण और मानवीयता से भरे व्यक्तितित्व को बनाने में शिवजी के सद गुरु श्री रामदास जी का महान योगदान रहा।
छ्त्रपति शिवाजी महाराज का विवाह और पत्नियां
शिवाजी का पहला विवाह 14 मई 1640 में सइबाई निंबाळकर के साथ लाल महल, पुणे में हुआ था। शिवाजी महाराज ने कुल 8 विवाह किए थे। वैवाहिक राजनीति के जरिए उन्होंने सभी मराठा सरदारों को एक करने का प्रयास किया और सफल भी रहे।
शिवाजी की कुल 8 पत्नियाँ के नाम निम्न है – 1. सइबाई निम्बालकर (1640-1659), 2. सोयराबाई मोहिते (1680), 3. पुतळाबाई पालकर (1653-1680), 3. सकवरबाई गायकवाड़ (1656-1680), 4. लक्ष्मीबाई विचारे, 5. काशीबाई जाधव, 6. सगणाबाई शिंदे, 7. गुणवंतीबाई इंगळे, 8. सकवारबाई गायकवाड।
शिवाजी द्वारा युद्ध की शुरूआत
शिवाजी ने युद्ध वीर में विजय की हौसला से ही बचपन-वस्था में बालकों दल बना-बनाकर कृत्रिम युद्ध आरम्भ कर दिया था। यद्यपि Shivaji Maharaj पिता शाह जी का यही प्रयास था कि आप बादशाहत मे ही कोई उच्च पद पर कार्य करें लेकिन शिवाजी के स्वतंत्र मन ने इसे स्वीकार नहीं किया । शिवाजी अपने प्रबल उत्साह के जोर से सेन्य दल बनाकर बीजापुर के दुर्गों पर ही धावा बोलने लगे। आपने इस प्रयास से लगभग 19 वर्षं की अल्पायु में ही अपार-अपार और अद्-मूत शक्ति बढ़ा ली थी । इसी प्रयास में शिवाजी ने लगभग दो वर्षों में ही तोरण, सिंहगढ़, पुरन्दर आदि दु्गं पर भली प्रकार से अधिकार जमा लिया और मुगल सेना से सामना करने की हिम्मत बांध ली ।
शिवाजी जब मुगलों से भीड़ रहे थे तब शिवाजी की शक्ति घटने लगी थी। इसलिए छत्रपति शिवाजी महाराज कुछ दिनों तक पहाड़ों में ही छिपे रहे और इस घटना के आधार पर आपको “पहाड़ी चूहा’ के नाम से सम्बोधित किया गया था। बीजापुर के शाह ने शिवाजी के पिताश्री को बन्दी बना लिया था। जिसके कारण शिवाजी ने अपनी युद्ध यात्रा में परिवरतंन करके पहले अपने पिताश्री को केंद से मुक्त करा लिया और इसके बाद फिर मगल सेना से आ भिड़े थे।
शिवाजी के विरूद्ध षडयंत्र
बीजापुर के शाह ने शिवाजी को परास्त करने के लिए अपने सबसे बड़े योद्धा अफजल खाँ के सेनापतित्व में एक भारी सेना को भेजा। अफजल शिवाजी के पराक्रम से भलीभाँति परिचित था। इसलिए वह शिवा जी महाराज का सीधा मुकाबला करने की अपेक्षा पीछ से आक्रमण करना चाहता था। वह कोई ओर उपाय न देखकर शिवाजी को विश्वासघात या छलावा देकर समाप्त करना चाहता था। इसलिए उसने छमवार्ता के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज को अकेले मिलने का संदेश देकर बुलाया। शिवाजी के मिलने पर उस ने अपनी तलवार से शिवाजी पर वार किया। कुशल योद्वा होने के कारण शिवाजी ने अफजल खाँ के तलवार के वार को बचाकर अपने वघनखा को उसके पेट में घोंप दिया जिससे अफजल खाँ वहीं धराशायी होकर मर गया।
शिवाजी महाराज का मुगलों पर आक्रमण
शिवाजी ने मुगलों पर धमाके के साथ आक्रमण किया था। तत्कालीन मूगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी के आक्रमण को रोकने के लिए अपने मामा शाइस्ता खाँ के नेतृत्व में बहुत भारी सेना को भेजा। शाइस्ता ने मराठा प्रदेशों को रौंद डाला। इसके वाद वह पूर्नो पहेच गया। शिवाजी ने अपने सनिकों को रात के समय एक वारात में छिपाकर पूना पर आक्रमण कर दिया। शाइस्ता इस आक्रमण से डरकर भाग गया और उस का पूत्र मारा गया। इसके बाद शिवाजी ने सूरत को लूटकर करोड़ों की सस्पत्ति से अपनी राजधानी रायगढ़ को मजबूत कर लिया।
एक बार शिवाजी को औरंगजब ने गिरफ्तार करने की नीयत से राजा जयसिंह के द्वारा अपने पास बुलाया, यथोचित सम्मान में कमी के कारण शिवाजी के क्रोधित होने पर औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को बन्दी बनाकर जेल में डाल दिया। शिवाजी अपनी अस्वस्थता का बहाना बनाकर फिर नीरोग होने की खशी में मिठाई बाँटते हुए मिठाई की टोकरी में बैठकर जेल से बाहर निकल गए। मुण्डन करा कर के काशी और जगन्ताथपुरी के तीर्थों का दरशन करते हुए अपनी राजधानी रायगढ़ पहुँच गए । वाद में अपनी शक्ति का पूर्ण विस्तार करके कई बार मुगलों को परास्त किया ।
शिवाजी का राज्याभिषेक
छात्रपति शिवाजी महाराज ने कई वर्षों तक मुगल बादशाह औरंगजेब से संघर्ष किया। मुगल सेना को धूल चटाते हुए सन 1674 में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसाट जाति से कुर्मी होने के नाते उनका राज्याभिषेक करने को कोई ब्राहमण तैयार न हुआ। इसके बाद शिवाजी ने काशी संदेश भेजवाया।
भारतीय समाज वर्ण व्यवस्था पर आधारित था। इसलिए जो राज्य की रक्षा की जिम्मेदारी उठाता था उसका राज्याभिषेक क्षत्रिय आधार पर होता था। उदाहटण के तौर पर गुप्त सासक वैश्य थे तो वहीं शुंग ब्राह्मण थे। काशी के ब्राह्मणों ने समय-समय पर वर्जनाएं तोड़ी। इसी क्रम में शिवाजी के आमंत्रण पर पंडित गंग भट रायगढ़ पहुंचे व छह जून 1674 को रायगढ़ किले में शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया गया।
शिवाजी महाराज की मृत्यु कब और कहां हुई थी
विष दिलाने के बाद शिवाजी महाराज की मृत्यु 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ किले में हुई। जब शिवाजी की मृत्यु हुई थीं उस समय उनकी उम्र 53 वर्षे की थी।
वीर शिवाजी की विलक्षण राजनीति और बाज्य प्रशासन की योग्यता से आज भी हमें गर्व हैं । हमें स्वाभिमान है कि हम ऐसे वीर पुरुषों के राष्ट्र के सच्चे नागरिक हैं जिन्होंने हमें स्वाभिमानपूर्ण जीवन जीने की शिक्षा और प्रेरणा दी है।
शिवाजी जयंती Shivaji Jayanti
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को एक मराठा परिवार में हुआ था। यही कारण है कि हर वर्ष 19 फरवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है।
Related Posts –
- सम्राट अशोक का जीवन परिचय, इतिहास
- अकबर का जीवन परिचय Akbar Biography in Hindi
- सम्राट अशोक की कितनी पत्नियां थी उनके नाम
- राष्ट्रीय एकता पर निबंध
- सीबीएसई क्या है, इसके कार्य क्या है
निष्कर्ष –
छ्त्रपति शिवाजी महाराज का जीवन परिचय (Biography of Chhatrapati Shivaji Maharaj) से ज़रूर आपकों शिवाजी की जीवनी के बारे में पता चल गया होगा अगर Shivaji Maharaj In Hindi से रिलेटेड आपके मन में कोई प्रश्न हो तो कमेंट करे आपकी हेल्प की जावेगी।
My name is JP Meena. I am the founder and owner of this blog. Information like Technology, Internet, Bank And Finance, Loan, Business, Computer, Laptop, Android Smart Phone, Education, Gk, Biography and Essay is given on this blog