मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध PDF (1000 शब्द)

मनोरंजन के साधन पर निबंध (1000 Words) । Manoranjan Ke Aadhunik Sadhan Par PDF

आज के लेख में मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध PDF (Essay on Modern Means of Entertainment) | Manoranjan Ke Aadhunik Sadhan Par Nibandh की जानकारी भारत की मात्र भाषा हिंदी में दी गई है।

मनोरंजन के साधन में आपको प्राचीन काल में मनोरंजन के क्या-क्या साधन होते थे एवं वर्तमान समय में मनोरंजन के आधुनिक साधन क्या है की जानकारी निबंध के माध्यम से ली गई है। मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध से आपका G.K के साथ साथ Essay on Manoranjan कैसे लिखना है समझ में आ जायेगा। आधुनिक समय मे ऐसे निबंध और ऐसी जानकारियां कक्षा 5,6,7,8,9,10,11 और 12 वी की परीक्षाओं में पूंछी जाती है।

मनोरंजन के साधन पर निबंध (1000 Words) । Manoranjan Ke Aadhunik Sadhan Par PDF

प्रस्तावना : मनुष्य सामाजिक प्राणी है। कर्म प्रधान दिनचर्या से थकने पर हल्कापन महसूस करने के लिए, मनोरंजन जीवन के लिए आवश्यक हो जाता है। मनोरंजन के अभाव में जीवन में नीरासता आ जाती है। नीरासता से छूटकारा पाने के लिए व्यक्ति दिल बहलाने के अनेक साधनों का उपयोग करता है, मनोरंजन से मन तो हल्का होता ही है। शरीर मे स्फुर्ति आती है और कार्य क्षमता में व्रद्धि होती है। पहले के समय मे आज जितने मनोरंजन के साधन है तब नही थे। फिर भी उनके साधन जो थे, उनका प्रयोग आज भी किया जाता है। जिसे घुड़सवारी, चौपाल, ढोलक, शतरंज और कई क्षेत्रीय संगीत से लोग अपना शौक पूरा कर लेते थे।

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मनोरंजन के प्राचीन साधन

  • शिकार खेलना
  • पशु पालना
  • मुर्गे, बकरे एवं भैंसे लड़ाकर
  • कुश्ती लड़ना
  • नाटक – नौटंकी

प्राचीनकाल में न मनुष्य का इतना विकास नहीं हुआ था और न मनोरंजन के साधनों का। वह प्रकृति और जानवरों के पास था। ऐसे में उसके मनोरंजन के साधन भी उन्हीं तक सीमित थे। एक समय था जब मनुष्य शिकार खेल कर, तोता, मैना, तीतर, कुत्ता, भेड़ आदि पशु-पक्षी पालकर और मुर्गे, बकरे, भैंसे आदि को लड़ाकर अपना मनोरंजन किया करता था। इसके अलावा कुश्ती लड़कर, नाटक, नौटंकी, सर्कस आदि के माध्यम से मनोरंजन करता था। त्यौहार तथा अन्य आयोजनों के मौके पर वह गाने-बजाने तथा नाचने के द्वारा खुश होता था।

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मनोरंजन के आधुनिक साधन

Manoranjan Ke Aadhunik Sadhan : वर्तमान समय में विकास एवं विज्ञान के विस्तार के कारण मनोरंजन भी बदला है। टेक्नोलॉजी के विकास के साथ मनोरंजन के साधन भी हाई टेक हुए है। मनोरंजन के आधुनिक यानी हाई- टेक साधनों में स्मार्ट टीवी (Smart Tv), कंप्यूटर एवं इंटरनेट (Computer And Internet),सिनेमा (Cinema), स्मार्ट फोन (Smart Phone) सबसे प्रमुख है। इसके अलावा आजकल खेलों को प्रत्यक्ष रूप से देखने के बजाय किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से इसे देखने वालों की संख्या बढ़ी है इस समय टेलीविजन रेडियो इंटरनेट एवं कंप्यूटर मनोरंजन के प्रमुख एवं हाईटेक सादा नहीं है आइए मनोरंजन के नाइटी साधनों के बारे में विस्तार से जानते हैं –

  1. स्मार्ट टीवी
  2. रेडियो
  3. कंप्यूटर एवं इंटरनेट
  4. सिनेमा
  5. स्मार्ट फोन

स्मार्ट टीवी (Smart Tv)

Telivision : टेलीविजन आजकल लोगों के मनोरंजन का एक प्रमुख साधन बन चुका है। इसर्की सबसे बड़ी वजह यह है कि टेलीविजन पर हर आयु वर्ग के लोगों के लिए कार्यक्रम मौजूद हैं। गृहणियां कुकिंग सहित सास-बहुओं पर आधारित टी.वी. शो देख सकती है। बच्चे कार्टून कार्यक्रम सहित तमाम तरह के गीत-संगीत पर आधारित रियलिटी शो देख सकते है। पुरुष न्यूज चैनलों के साथ-साथ क्रिकेट मैचों का प्रसारण देख सकते हैं। बुजूर्ग लोग समाचारों, धारावाहिकों के अलावा धार्मिक चैनलो पर सत्संग एवं प्रवचन का आनन्द ले सकते है।

रेडियो (Radio)

रेडियो – आधुनिक काल में रेडियो मनोरंजन का एक प्रमृख साधन बनकर उभरा है। रेडियो पर गीत-संगीत के अलावा सजीव क्रिकेट कमेंटरी स्रोताओं को आनन्दित तो करती ही है, जब से एफ.एम. चैनलो का पदार्पण भारत में हुआ है, रेडियो की उपयोगिता और बढ़ गई है। आजकल हम लोगों को मोबाइल फोन के माध्यम से विभिन्न एफ एम. स्टेशनों को सुनते देखते हैं। रेडियो मिर्ची, रेड एफ, एम., रेडियो सिटी, रेडियों म्याऊँ इत्यादि चचित एफ.एम. स्टेशन है। ये स्रोताओं का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं। आज एफ.एम. प्रसार्ण दुनिया भर में रेडियों प्रसारण का पसन्दीदा माध्यम बन चुका है। इसका एक कारण इससे उच्च गुणवता युव्ा स्टीरियोफोनिक आवाज की प्राप्ति भी है। शुरूआत में इस प्रसारण की देश भर में कवरेज केवल 30 प्रतिशत थी, किन्तु अब इसकी कवरेज बढ़कर 60 प्रतिशत से अधिक तक जा पहुँची है।

कंप्यूटर एवं इंटरनेट (Computer And Internet)

कम्प्यूटर एवं इन्टरनेट-आधुनिक मनोरंजन के साधनों में कम्प्यूटर एवं इन्टरनेट का स्थान अग्रणी है। भारती युवाओं में इनका प्रयोग तेजी से बढ़ा है। इन्टरनेट को तो कोई जादू, तो कोई विज्ञान का चमत्कार तो कोई ज्ञान का सांगर कहता है। आप इसे जो भी कहिए किन्तु इस बात में कोई सन्देह नहीं कि सूचना-क्रान्ति की देन यह इन्टरनेट न केवल मानव के लिए अति उपयोगी साबित हुआ है बल्कि संचार में गति एवं विविधता के माध्यम से इसने दुनिया को बिल्कुल बदल कर रख दिया है।

आज विश्व के कुल 68 अरब से अधिक लोगों में से लगभग 2 अरब लोग इन्टरनेट से जुड़े हुए है। अमेरिका में इन्टरनेट से जुड़े लोगों की संख्या सर्वाधिक पूरे विश्व का लगभग 20 प्रतिशत है। भारत में ऐसे लोगों की संख्या 6 करोड़ से अधिक है। इन्टरनेट ने सरकार, व्यापार और शिक्षा को नए अवसर दिए है। सरकारे अपने प्रशासनिक कार्यों के संचालन, विभिन्न कर प्रणाली, प्रबन्धन और सूचनाओं के प्रसारण जैसे अनेकानेक कार्यों के लिए इन्टरनेट का उपयोग करती हैं । कृछ वर्ष पहले तक इन्टरनेट व्यापार और वाणिज्य में प्रभावी नहीं था लेकिन आज सभी तरह के विपणन और व्यापारिक लेन-देन इसके माध्यम से सम्भव है। इन्टरनेट पर आज पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित हो रही हैं, रेडियो के चैनल उपलब्ध हैं और टेलीविजन के लगभग सभी चैनल भी मौजूद है। इन्टरनेट के माध्यम से मीडिया हाउस ध्वनि और दृश्य दोनों माध्यम के द्वारा ताजातरीन खबरें और मैसम सम्बन्धी जानकारियाँ हम तक आसानी से पहुँच रही हैं। नेता हो या अभिनेता, विद्यार्थी हो या शिक्षक, पाठक हो या लेखक, वैज्ञानिक हो या चिन्तक सबके लिए इन्टरनेट उपयोगी साबित हो रहा है।

सिनेमा (Cinema)

सिनेमा- बात मनोरंजन के आधुनिक साधनों की हो, या पूर्व साधनों की, यह सिनेमा के बिना अधूरी है।हो रहा है। सिनेमा पहले भी लोगों के मनोरंजन का एक शक्तिशाली माध्यम था, आज भी है। आज पारिवारिक एवं हास्य से भरपूर फिल्में दर्शकों का स्वस्थ मनोरंजन कर रही है। एक व्यक्ति तनावपूर्ण वातावरण से निकलने एवं मनोरेंजन के लिए सिनेमा का रुख करता है। हालॉकि वर्तमान समय में बहुत-सी फिल्में हिंसा एवं अश्लीलता का भौण्डा प्रदर्शन भी करती है, किन्तु इन जैसी खामियों को दरकिनार कर दें, तो सिनेमा दर्शकों का स्वस्थ मनोरंजन ही करते है।

स्मार्ट फोन (Smart Phone)

मोबाइल फ़ोन भी मनोरंजन का लोकप्रिय साधन सिद्ध हुआ है। इस पर एफ०एम० के विभिन्न चैनलों से तथा मेमोरी कार्ड में संचित गाने इच्छानुसार सुने जा सकते हैं। अकेला होते ही लोग इस पर गेम खेलना शुरू कर देते हैं। कैमरे के प्रयोग से मोबाइल की दुनिया में क्रांति आ गई। अब तो इससे रिकार्डिंग एवं फ़ोटोग्राफी करके मनोरंजन किया जाने लगा है।

Manoranjan Ke Aadhunik Sadhan Par Nibandh PDF

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उपसंहार –

मनोरंजन मानव जीवन के लिए अत्यावश्यक हैं, परंतु ‘अति सर्वत्र वय॑ते’ वाली उक्ति इन पर भी लागू होती है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि मनोरंजन के चक्कर में हम इतने खो जाएँ कि हमारे काम इससे प्रभावित होने लगे और हम आलसी और कामचोर बन जाएँ। हमें ऐसी स्थिति से सदा बचना चाहिए।

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