समय का महत्व पर निबंध PDF

समय का महत्व पर निबंध -Essay on importance of time in Hindi PDF

समय का महत्व निबंध लेखन में आज आपको समय का महत्व पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900 ओर 1000 शब्दो में [PDF Download] Samay Ka Mahtva Par Nibndh (Essay on importance of time in Hindi) बताया गया है। जीवन में समय के महत्त्व का सदुपयोग और दुरउपयोग के क्या परिणाम मिलते हैं आपको अच्छे से समझाने वाले हैं। यह निबन्ध कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12वी क्लास के विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है।

चलिए जानिए Samay Ka Mahtva Par Nibndh हिंदी में।

समय का महत्व पर निबंध -Essay on importance of time in Hindi PDF

खोया हुआ धन, पुनः अर्जित किया जा सकता है। खोया हुआ वैभव, पुनः प्राप्त किया जा सकता है। खोया हुआ स्वास्थ्य, उचित चिकित्सा द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। भूली हुई विद्या, पुनः अर्जित की जा सकती है। किन्तु, समय को एक बार खोने के बाद उसे पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। यह निरन्तर गतिशील है। इसलिए कबीर ने कहा है-

‘काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलय होएगी, बहुरि करैगा कब॥”

कहा गया है कि, ‘‘का बरखा जब कृषि सुखाने’; अर्थात् फसल के सूख जाने के बाद वर्षा का कोई लाभ नहीं होता। वर्षा तो तब ही लाभप्रद हो सकती है, जब वह आवश्यकता के समय हो। प्लेटफार्म पर खड़ी रेलगाड़ी अपने यात्रियों की प्रतीक्षा नहीं करती और देर से पहुँचने वाले अफसोस करते रह जाते हैं। इसी तरह, समय भी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।

परीक्षा में तो अभी काफी दिन बाकी हैं। कल से पढ़ना शुरू कर देंगे’ ऐसा सोच कर बहुत से छात्र कभी नहीं पढ़ते। किन्तु, परीक्षा नियत समय एवं तिथि पर ही होती है। परीक्षा के प्रश्नों को देखकर उन्हें लगता है कि यदि उन्होंने समय का सदुपयोग किया होता, तो परीक्षा हाल में यूँ ही खाली नहीं बैठना पड़ता। इसलिए कहा गया है ‘‘अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत!”

‘समय’ के बारे में एक विचार देखिए। एक बार एक चित्रकार ने ‘समय’ का चित्र बनाया। जिसमें एक बहुत ही सुन्दर व्यक्ति हँसता हुआ दोनों हाथ फैलाए खड़ा था। उसके माथे पर बहुत-से बाल थे, पर सिर के पीछे की तरफ से वह एकदम गंजा था। चित्रकार का मानना था कि ‘समय’ जब आता है, तो आपकी ओर बाहें फैलाए आता है, और यदि आपने उसे सामने से आते हुए उसके बालों को पकड़ लिया, तो वो आपके काबू में होगा। किन्तु आपने उसे निकल जाने दिया, तो फिर पीछे से आपके हाथ उसके गंजे सिर पर फिसलते रह जाएँगे। वह फिर आपकी पकड़ में नहीं आएगा। इसलिए समय को पहचानो और उसका सदुपयोग करो।

समय के सदुपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्य निहित है। चाहे वह निर्धन हो या धनवान, राजा हो या रंक, मूर्ख हो या विद्वान्, समय किसी के लिए अपनी गति मन्द नहीं करता। इसलिए सबको जीवन में सफलता के लिए समय का सदुपयोग करना ही पड़ता है।

परीक्षा में निश्चित सफलता के लिए समय रहते एवं परीक्षा से पहले तैयारी करना आवश्यक होता है। आज तक जितने भी महापुरुष हुए हैं, उनकी सफलता का रहस्य जीवन के हर पल का सदुपयोग ही रहा है।

Related – भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध Essay on corruption in india in Hindi (1000 Words)

कठिनाइयों एवं संघर्षों का सामना करते हुए वे निरन्तर
अपने निर्धारित लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे और एक दिन अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल रहे। समय के
मूल्य को समझने वाले लोगों की दिनचर्या हर रोज सुबह शुरू हो जाती है। बुद्धिमान व्यक्ति अपने अवकाश के
समय को भी व्यर्थ नहीं जाने देते, किन्तु आलसी एवं अकर्मण्य लोग देर तक सोए रहते हैं।

जीवन में प्रत्येक कार्य के लिए नियत समय निर्धारित होता है। पढ़ने के समय पढ़ना चाहिए एवं खेलने के समय खेलना। कक्षा में बैठकर खेल-कूद की बातों में खोए रहना एवं खेल के मैदान में पढ़ाई-लिखाई की बातें करने को तर्क-संगत नहीं कहा जा सकता। अंग्रेजी में कहा गया है, “वर्क व्हाइल यू वर्क एण्ड प्ले व्हाइल यू प्ले, दिस इज द वे टू बी हैप्पी एण्ड गे’ अर्थात् “प्रत्येक दिन खुश रहने के लिए काम के समय काम करो एवं खेल के समय खेलो।”

Related – खेल का महत्व पर निबंध Essay on Importance of Sport in Hindi (1000 Words)

उसका दिनभर काम करने के बाद रात्रि में सही समय पर बिस्तर पर सोने के लिए चले जाना चाहिए। देर से
सोने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार सुबह देर से उठने पर भी बहुत-से कार्यों के अधूरे
रहने का भय होता है।

अधिकतर लोगों को अपना समय मनोरंजन में व्यतीत करते देखा जाता है। मनोरंजन भी जीवन के लिए अनिवार्य है। किन्तु काम करने के समय यदि मनोरंजन किया जाए, तो उसे किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं ठहराया जा सकता। अतः किस समय क्या कार्य करना है, अपनी दिनचर्या में इसकी समुचित व्यवस्था करना अत्यन्त आवश्यक है।

जिस मनुष्य का कार्यक्रम सुनिश्चित नहीं होता, अधिकांश समय व्यर्थ में ही इधर-उधर की बातों में बीत जाता है। जो व्यक्ति अपना निश्चित कार्यक्रम बनाकर, मानसिक वृत्तियों को स्थिर एवं संयमित करके कार्य करता है, उसे जीवन-संग्राम में अवश्य सफलता प्राप्त
होती है।

Related – नारी शिक्षा पर निबंध Essay on Women Education in Hindi (1000 Words)

वैसे तो यह नियम प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्ति पर लागू होता है, किन्तु विद्यार्थी जीवन में इस नियम की सर्वाधिक महत्ता है। जो विद्यार्थी नियत समय में पूर्ण मनोयोग के साथ अपनी पढ़ाई करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है। इस तरह, समय का अपव्यय करना तो आत्महत्या के समान है ही, समय का दुरुपयोग भी उससे कुछ कम नहीं; क्योंकि समय के बीत जाने के बाद अफसोस करने से बीता हुआ समय कभी भी वापस नहीं आ सकता।

शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए समय पर सोना, समय पर उठना, भोजन, व्यायाम तथा अन्य कार्यों को सुनिश्चित ढंग से समय पर करना आवश्यक है। धन-दौलत को जमा कर रखा जा सकता है, किन्तु समय को जमा नहीं किया जा सकता। सुबह की ताजी हवा का आनन्द उठाने के लिए सुबह ही उठना होगा। देर से उठने वाले को सुबह की ताजी हवा नसीब नहीं हो सकती है। इस तरह, समय का सदुपयोग करने से मनुष्य की व्यक्तिगत प्रगति तो होती ही है, उसके व्यक्तित्व में भी निखार आता है।

Related – राष्ट्र निर्माण में नारी का योगदान (भूमिका) निबंध

परिश्रमी व्यक्ति के पास कभी समय का अभाव नहीं होता, जबकि आलसी एवं कामचोर व्यक्तियों का जीवन परनिन्दा, निरुद्देश्य भ्रमण आदि निरर्थक बातों में बीतता है। आलस्य का परित्याग करके समय का सदुपयोग करने वाले व्यक्ति ही साहित्य के सृष्टा, राष्ट्रनेता, महान् वैज्ञानिक एवं कलाकार बन पाते हैं। इसलिए कहा गया है

“क्षण त्यागे कुतो विद्या, कण त्यागे कुतो धनम्।
क्षणशः कणश्चैव विद्यामर्थ च चिन्तयेत्।।”

अर्थात् क्षण या समय की अवहेलना कर विद्या अर्जित नहीं की जा सकती, कण का त्याग कर धन अर्जित नहीं किया जा सकता। धन कमाने वाले के लिए धन का कण-कण महत्त्वपूर्ण होता है एवं विद्या कमाने के लिए समय का क्षण-क्षण कीमती होता है।

जो लोग समय का सदुपयोग नहीं करते, उन्हें जीवन में असफलता ही हाथ लगती है। खिलाड़ियों को खेल का अभ्यास समय रहते करना पड़ता है। खेल खत्म हो जाने के बाद उनके लिए अफसोस करने के अलावा कुछ भी शेष नहीं रह जाता। इसलिए अंग्रेजी में कहा गया है, “टाइम इज मनी’; अर्थात् “समय ही धन है’। जो इस धन को यूँ ही लुटाता रहता है, वह एक दिन समय का रोना रोता रहता है। किन्तु, बाद में पछताने से कुछ नहीं मिलने वाला है। इसलिए समय की महत्ता को देखते हुए हमें इसके सदुपयोग पर ध्यान देना चाहिए।

Related – इसरो पर निबंध Essay on ISRO in Hindi। इसरो पर निबंध हिंदी भाषा में

समय का सदुपयोग एक निश्चित दिनचर्या से ही सम्भव है। मनुष्य जीवन, ईश्वर की दी हुई नियामत है, इसलिए इसे अपने लिए और दूसरों के लिए सार्थक बनाना ही मनुष्य का धर्म है और मनुष्य अपने इस धर्म का निर्वाह तब ही कर सकता है, जब वह समय की गति को समझे और उसका सदुपयोग करे।

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *