राष्ट्र निर्माण में नारी का योगदान (भूमिका) निबंध

राष्ट्र निर्माण में नारी का योगदान (भूमिका) निबंध - Rashtra Nirman Me Nari Ka Yogdan Nibandh PDF

भारतीय राष्ट्र के निर्माण में नारी का योगदान (भूमिका) पर निबंध (Rashtra Nirman Me Nari Ka Yogadan Par Nibandh (PDF) के बारे में, इस निबंध में जनकारी दी गई है। चलिए राष्ट्र निर्माण में नारी का योगदान, राष्ट्र निर्माण में नारी की अहम भूमिका (योगदान) (role of women in nation building) पर निबंध लेखन शुरु करते हैं।

राष्ट्र निर्माण में नारी का योगदान (भूमिका) निबंध – Rashtra Nirman Me Nari Ka Yogdan Nibandh PDF

प्रस्तावना :- दुनिया में पृथ्वी पर जीवन को लेकर कई प्रकार के तथ्य हैं। वैज्ञानिक तौर पर कुछ और तो, पुरानी मान्यताओ के तौर पर कुछ और; कुछ सच, तो कुछ कहानियाँ हैं। परंतु, इस तथ्य को झुठलाया नहीं जा सकता है कि, हर जीव को जन्म देने वाली एक मादा होती है। मनुष्य योंनि में इसे हम; नारी, महिला, स्त्री आदि नामों से बुलाते हैं। नारी ना केवल जीवन देती है बल्कि उसके उत्थान व कुशल लालान पालन में भी पूरी जिम्मेदारी अदा करती है। अन्य शब्दों में नारी समाज में जीवन का आधार है।

समाज में नारी की भूमिका :- नारी समाज का वह भाग है जिसके बिना जीवन संभव नहीं है। नारी में जीवन का बीज बोने वाला अंश है। समाज का वह भाग है जो समर्पण, प्रेम, शीतलता व कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। हमारे ब्रह्मांड में अनगिनत रहस्य हैं जिन्हें वैज्ञानिकों ने अभी तक नहीं सुलझाया है। लेकिन सबसे गहरे और स्थायी रहस्यों में से एक ब्रम्हांड में महिलाओं की भूमिका है। हालांकि महिलाओं की अक्सर संगठन और समाज में अनदेखी की गई है। समय की शुरुआत से ही, जीवन की निरंतरता के लिए नारी का होना आवश्यक है। नारी जीवन दायिनी, शिशुओं  की पालनहारी और घर की रखवाली होती हैं। कई मायनों में, महिला समाज की नींव हैं। नारी वह हाथ है जो परिवार को जोडकर रखता है।

नारी सशक्तिकरण :- नारी सशक्तिकरण महिलाओं को उनके जीवन और उनके भविष्य के बारे में निर्णय लेने की प्रक्रिया है। सशक्तिकरण में ए नारी के जीवन के सभी क्षेत्रों जैसे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक शामिल हैं। कई कारक हैं जो महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान देते हैं। सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक शिक्षा है। शिक्षा महिलाओं को वो ज्ञान और उपकरण प्रदान करती है जिसकी उन्हें आवश्यकता है। शिक्षा सामजिक बाधाओं को रोकने में मदद करती है। महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण भी महत्वपूर्ण है। महिलाओं को एक आजीविका कमाने और अपनी स्वयं की आय पर नियन्त्रण करने में सक्षमता मिलती है। यह उन्हे स्वतन्त्रता और उनके जीवन के बारे में निर्णय लेने की क्षमता देती है। आर्थिक सशक्तिकरण गरीबी को कम करने और नारियों और उनके परिवारों के जीवन में सुधार करने में मदद करता है। नारियों के लिए राजनीतिक सशक्तिकरण भी आवश्यक है। नारियों को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेंने और उनके जीवन को प्रभावित करने वाले फैसलों में एक आवाज़ रखने का पूरा हक है। रजनीतिक सशक्तिकरण यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि महिलाओं की आवाजें सुनी जा रही हैं और उनकी चिंताओं को ध्यान में रखा जाता है। नारियों के लिए सामजिक गतिविधियों में भाग लेने और उनके जीवन को प्रभावित करने वाले फैसले में एक आवाज़ रखने के अधिकार शामिल हैं।

राष्ट्र निर्माण एवं समानता :- राष्ट्र निर्माण का अर्थ है अलग-अलग क्षेत्रों को एक आधार पर एक साथ जोड़ना और एक पहचान देना। किसी भी राष्ट्र में खासकर एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में समानता का बहुत महत्व होता है। हमारे समाज में कई वर्षों तक पुरुषों को अधिक महत्व दिया गया था। परंतु समय के साथ पुरुष प्रधान समाज की यह अवधारणा भी छूटती गई। राष्ट्र निर्माण के लिए समानता एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है, जिसमें स्त्रियाँ भी समान रूप से अपनी भूमिका निभा सकें, व समाज व राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को निर्वाह कर सकें।

राष्ट्र निर्माण में नारी की भूमिका :- यह एक सर्वमान्य  तथ्य है कि नारी कोमल होने के साथ साथ अपने स्वभाव में अधिक कर्मठ व सहनशील होती है। उसके व्यवहार में शीतलता व शालीनता होती है। वह परिवार की ही भाँति राष्ट्र को भी एकता के सूत्र में बांधे रखने की क्षमता रखती है। नारी अपना जीवन पूरी तरह से अपने परिवार व बच्चों पर न्यौछावर कर देती है। इसलिए वह राष्ट्र के प्रति भी अपने कर्तव्यों के लिए समर्पित रहने की क्षमता रखती है। उसमें धैर्य अधिक होता है, इसलिए वह निर्माण के कार्यों में पुरुषों की अपेक्षा सहायक सिद्ध होने में समर्थ है।

भारत में नारियों की स्थिति :- प्राचीन काल से ही भारत में नारी को अबला, देवी आदि संबोधनों से संबोधित किया जाता रहा है। इस प्रकार के संबोधन व विशेषण जोड़कर हमने नारियों को एक ओर तो पूजा की देवी बना दिया और दूसरी ओर अबला के रूप में उसे भोग्या व चल संपत्ति बना दिया था। वर्तमान में भी राष्ट्र निर्माण में भारतीय नारी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। पहले नारी का कार्य क्षेत्र केवल शिक्षिका या नर्स बनाने तक ही सीमित था, किंतु आज वह जीवन के  प्रत्येक क्षेत्र में सक्रिय हैं। वह घर  परिवार के साथ साथ समाज व राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को निभाने में भी पूर्ण रूप से सजग है।

भारत में राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाली नारियाँ:- भारत में समय समय पर कई वीरांगनाओं ने जन्म लिया है, और राष्ट्र निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है।
इसमे से कुछ निम्नलिखत हैं –

रानी लक्ष्मी बाई :- रानी लक्ष्मी बाई ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम भूमिका निभाई व भारत की आदर्श नारियों में अपना नाम दर्ज करवाया।

सरोजिनी नायडु :- सरोजिनी नायडू ने एक कावित्री व रजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में अपना योगदान दिया। यह भारत की प्रथम महिला राज्यपाल थीं व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दूसरी महिला प्रेसिडेंट बनी जिससे अन्य महिलाओं को स्वतंत्रता संग्राम में आगे आने की प्रेरणा मिली।

सचेता कृपलानी :- सचेता कृपलानी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज्ञ थीं। इन्होंने भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया।

इंदिरा गाँधी :- इंदिरा गाँधी भारत की प्रथम व एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। यह देश का नेतृत्व करने वाली सबसे करिश्माई, विवादास्पद राजनेता थीं। इन्होंने राष्ट्र को आगे बढ़ने के लिए कई सौगातों से नवाजा था व राष्ट्र को समृद्ध व सन्तुलित बनाने में अपना योगदान दिया।

सावित्री बाई फुले :- यह भारत की प्रथम महिला शिक्षिक थीं, जिन्होंने ज्ञान दान से सामजिक उत्थान का बेड़ा उठाया व शिक्षित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान दिया।

कैप्टन लक्ष्मी सहगल :- स्वतंत्रता आन्दोलन में कई महिलाओं ने भी अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था इनमें से एक नाम है कैप्टन लक्ष्मी सहगल भी है। इन्होंने स्वतंत्रता सेनानी के रूप में राष्ट्र निर्माण व विकास में अपना योगदान दिया।

सुभद्रा कुमारी चौहान :- सुभद्रा कुमारी चौहान भारत की महान कवियित्रियों में से एक है। इन्होंने अपनी कलम की ताकत से अपने संदेश जन जन तक पहुँचाए व राष्ट्र निर्माण को एक नयी राह दी।

उपसंहार :- नारी समाज में विभिन्न स्थानों में कई किरदार निभाती हैं। वर्तमान में आवश्यकता इस बात की है की नारी शिक्षा का आधिकाधिक विकास करके और उसके अधिकाधिक अवसर प्रदान करके उसकी  क्षमताओं को विकसित किया जाए, जिससे राष्ट्र निर्माण में वह अपना अधिक योगदान दे सकें।

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अंतिम लाइन – आशा करते है कि आपको “राष्ट निर्माण में नारी का योगदान – Rashtra Nirman Me Nari Ka Yogdan “ लेख जरुर पसंद आया होगा। हमने पूरी रिसर्च कर Bharat Ke Rashtara Nirman Me Nari Ka Yogdan या Bhumika तैयार किया है। देश की प्रगति में नारी यानी महिलाओ का योगदान से संबंधित कोई प्रश्न हो तो हमे कमेंट में बताए आपकी हेल्प की जावेगी।

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