SHO Kya Hota Hai, Kaise Bane – SHO Full Form in Police in Hindi

SHO Kya Hota Hai, SHO Kaise Bane – SHO Full Form in Hindi

इस आर्टिकल में SHO Kya Hota Hai, SHOKaiseBane– SHO Full Form in Police in Hindi (What is the full form of SHO – Who is called SHO) की जानकारी हिंदी भाषा में बताई गई है.

थाने से संबंधित प्रश्न जो आजकल हर किसी के मन मे रहता है जैसे कि SHO का फुल फॉर्म क्या होता है, SHO के पावर क्या होते है, थाना प्रभारी और SHO में क्या अंतर होता है, थाने में क्या क्या होता है, थाना प्रभारी कौन है, थाना प्रभारी किसे कहते है, इस आर्टिकल में आपको पुलिस स्टेशन से रिलेटेड समस्त जानकारी एक निबंध जैसे विस्तार पूर्वक दी जा रही है।

SHO Kya Hota Hai। Who is SHO in Hindi

Sho full form in police in hindi : SHO का फुल फॉर्म Station House Officer होता है जिसको हिंदी में स्टेशन गृह अधिकारी कहते है. यानी पहले हम थाना प्रभारी को थानेदार बोलते थे अब उनको SHO बोलते है, अब आपको Ti, थानेदार ओर SHO का मतलब समझ में आ गया होगा.

SHO (थाना प्रभारी) किसे बनाया जाता है?

SHO (थाना प्रभारी) जिले के पुलिस अधीक्षक (S.P) द्वारा नियुक्त किया जाता है ज्यादातर थाना प्रभारी यानी SHO का पद TI को दिया जाता है जिसके कंधे पर तीन स्टार होते है लेकिन फोर्स की कमी के कारण या जिम्मेदार अधिकारी अगर वो SI भी हो जिसके कंधे पर दो स्टार होता है जिसे सब-इंस्पेक्टर कहते है कभी कभी इन्हे भी पुलिस स्टेशन का SHO नियुक किया जाता है।

SHO Kaise Bane?

अगर आप नौकरी की तलाश में हैं। पुलिस विभाग में SHO बनना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की एस.एच.ओ.(SHO) की डायरेक्ट भर्ती नही निकलती है।

SHO दो प्रकार से बनते हैं
Promotion – अगर आप पुलिस विभाग में सबसे छोटी रैंक आरछक जिसको हम देहाती भाषा में पुलिस का सिपाही बोलते हैं, के पद पर भर्ती होते है तो भी आप sho बन सकते हैं। जब आप कांस्टेबल (आरक्षक) बनते है और कुछ समय बाद आपका प्रमोशन होता है फिर आप प्रधान आरक्षक बन जाओगे, उसके बाद प्रमोशन होकर ASI यानी आपके कंधे पर एक स्टार लग जायेगा। फिर कुछ समय बाद आपका प्रमोशन होकर आप Sub Inspector बन जाओगे और उसके बाद प्रमोशन होकर आप TI (Town Inspector) बन जाओगे। TI बनने के बाद जब आप किसी थाने के इंचार्ज बनोगे तो आप SHO बन जाओगे। उक्त ये प्रक्रिया से भी आप SHO बन सकते हो।

Direct SHO– SHO की कोई डायरेक्ट भर्ती नही होती है, अगर आप डायरेक्ट SUB INSPECTOR बनते हो तो आप 5 से 7 साल के समय में प्रमोशन होकर TI बन सकते हो और थाने का इंचार्ज बनकर SHO बन सकते हो।

SHO के कर्तव्य और अधिकार (What is the duty and authority of SHO)

SHO के कर्तव्य – SHO थाने का मुखिया होता है थाने के सभी फैसले SHO लेता है, थाने में पदस्थ सभी पुलिस कर्मचारी एसएसओ के अंडर में कार्य करते हैं, थाने में कुछ छेत्र गांव और शहर दिया जाता है जिनकी जिम्मेदारी SHO की होती है,

SHO के अधिकार– SHO (थाना प्रभारी) को कुछ अधिकार भी होते है थाना प्रभारी थाना क्षेत्र में अगर कोई अवेध कार्य जो शासन ने नियमों के विरुद्ध है उस पर कार्यवाही कर सकता है, अपराधो की FIR कर उनकी विवेचना भी करता है, ओर छेत्र की गतिविधि पर स्वयं और सूचना संकलन पुलिस कर्मचारी की मदद से जानकारी एकत्र करता है, थाना प्रभारी को सभी अपराधो की विवेचना करने का अधिकार प्राप्त होता हैं जैसे IPC की धारा 376, 302, 420 व अन्य छोटे रैंक वाले पुलिस कर्मचारी को छोटी धाराओं में विवेचना करने का अधिकार है, थाना प्रभारी को अपने अधीन काम करने वाले पुलिस आरक्षक, प्रधान आरक्षक, ASISi को 5 दिन छूटी देने का अधिकार भी होता है.

थाने में थानेदार से छोटे पद पर Sub inspector, Asi जिसके कंधे पर एक स्टार होता है, Head Constabale (प्रधान आरक्षक)Constable (आरक्षक) जिसका पुलिस थाने में सबसे छोटी रैंक पर पदस्थ होता है, थाने में ड्यूटी इंचार्ज एक हेड कांस्टेबल को बनाया जाता है जो थानेदार की देख रेख मे सभी स्टॉफ की बारी बारी से ड्यूटी लगता है जिसे थाने का HCM बोलते है जो रोजनामचा लिखता है, रोजनामचा में दैनिक ड्यूटी का ब्योरा व सभी FIR विवेचना की जानकारी दर्ज की जाती है वैसे कुछ समय से पुलिस विभाग मे ये सब कार्य ऑनलाइन CCTNS पर ऑनलाइन होता है.

Inspector और SHO में अंतर-

थाने के मुखिया को SHO कहते है, जिसके कंधे पर तीन स्टार होते है उसे इंस्पेक्टर कहते हैं वही इंस्पेक्टर किसी थाने का प्रभार संभालता हे तो उसे फिर थाने का SHO कहते है. कभी कभी SHO दो स्टार यानी Sub Inspector को भी बनाया जाता है इसलिए अलग अलग रैंक का पुलिस अधिकारी SHO (स्टेशन गृह अधिकारी) का कार्यभार संभाल सकता है.

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Police Town Inspector कैसे बनें? TI का सिलेक्शन कैसे होता है?

FAQ,s

SHO Full Form in Hindi?

Station House Officer (स्टेशन हाउस अधिकारी)

एस एच ओ क्या है?

थाना प्रभारी को SHO बोलते है.

Duties of SHO in hindi?

पुलिस थाना चलाने की जिम्मेदारी SHO की होती है थाने के सभी निर्णय SHO की सलाह से होते है.

इंस्पेक्टर और SHO में क्या अंतर है?

पुलिस विभाग मे जिस अधिकारी के कंधे पर तीन स्टार होते हैं उसे इंस्पेक्टर हे और जो अधिकारी थाना प्रभारी होता है उसे SHO बोलते है SHO तीन स्टार और दो स्टार रैंक कर्मचारी होता है.

What is the salary of sho in Hindi

SHO (थाना प्रभारी तनख्वा) की सैलरी ओसतन 50,000 रु. महीने के लगभग होती है.

पुलिस का फुल फॉर्म क्या होता है?

Protection of Life in Civil estabilesh होता है.

Police को हिंदी में क्या कहते है?

राजकीय जनरक्षक

Ti full form kya hota hai?

Ti का फुल फॉर्म Town Inspector होता है.

एक थाने में कितने दरोगा होता है?

एक थाने में एक दरोगा होता है.

पुलिस चौकी क्या है ?

चौकी थाने जैसी ही होती है अंतर इतना है कि चौकी प्रभारी थाना प्रभारी के अधीन काम करता है ओर छेत्र बड़ा होने से कुछ थानों में चौकी बना दी जाती है ताकि थाने पर काम का ज्यादा भार ना पड़े.

SHO Full Form in English?

Station House Officer।

Police Full Form in Hindi?

सिविल एस्टेलेश में जीवन की सुरक्षा।

SHO kya hota hai?

Internet के इस दौर मे कुछ समय से पुलिस स्टेशन भी डिजिटल हो गए हैं और कुछ पद नाम को भी शॉर्ट या थोड़ा अलग प्रकार से बोला जाने लगा हैै। अभी आम पब्लिक के लिए SHO शब्द नया है, SHO का मतलब मीडिया चैनल वाले और कुछ पुलिस के माहोल में रहने वाले लोग जानते है कि SHO क्या होता है,SHO का फुल फॉर्म Station House Officer होता है जिसको हिंदी में स्टेशन गृह अधिकारी कहते है. यानी पहले हम थाना प्रभारी को थानेदार बोलते थे अब उनको SHO बोलते है।

SHO meaning?

station house officer, स्टेशन गृह अधिकारी।

SHO meaning in police?

स्टेशन गृह अधिकारी, station house officer.

SHO किसे कहते है?

थाने के मुखिया को SHO कहते है, जिसके कंधे पर तीन स्टार होते है उसे इंस्पेक्टर कहते हैं वही इंस्पेक्टर किसी थाने का प्रभार संभालता हे तो उसे फिर थाने का SHO कहते है।

Sho full form in police in hindi

station house officer

निष्कर्ष –

मुझे आशा है कि आपको मेरी यह लेख- SHO Ka FULL FORM KYA HAI – एसएचओ का फुल फार्म क्या होता हैं – SHO किसे कहते हैं?, जरूर पसंद आई होगी. में हमेशा यही कोशिश करता हूं कि पाठकों को अच्छे से अच्छे लेख पूरी तरह रिसर्च करके जानकारी प्रदान की जाएं ताकि पाठकों को दूसरे Site या ineternet में उस आर्टिकल के संदर्भ में खोजने की आवश्यकता नही हैं. इससे साइट पर आने वाले पाठकों की समय की भी बचत होगी और एक ही आर्टिकल में पूरी जानकारी मिल जाएं. अगर फिर भी आपके मन में कोई आर्टिकल को लेकर कोई प्रश्न हो तो आप आर्टिकल के कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं आपकी हेल्प की जाएगी.

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