DNS क्या है, कैसे काम करता है – What is DNS in Hindi

DNS क्या है, डीएनएस कैसे काम करता है। What is DNS in Hindi

इस आर्टिकल में डीएनएस क्या है, डीएनएस कैसे काम करता है – What is DNS in Hindi (DNS Kya Hai, Kaise Kam Karta Hai) के बारे में जानकारी दी गई है।

DNS का फूल फॉर्म जानकर ही आपको DNS क्या होता है, डीएनएस कितने प्रकार के होते है और इंटरनेट के इस्तेमाल करते समय DNS, Mobile, Laptop और Computer में कैसे कार्य करता है के बारे में जान पाओगे।

Internet का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इंटरनेट पर कोई भी जानकारी ढूँढने के लिए हम Google, Yahoo, Yaindex जैसे Search Engine पर वेबसाइट का इस्तेमाल करते हैं।

क्या आप जानते हैं Google यह पूरा नाम जो हम देखते और पढ़ते हैं, वास्तव में यह क्या है? सामान्य जानकारी में इसे DNS के नाम से जाना जाता है। कुछ शब्दों में इसे Domain Name भी कहते है।

दोस्तों, क्या आप DNS की फुल फॉर्म (DNS Full Form) के बारे में जानते हैं? क्या आपको DNS का मतलब पता है? अगर नही जानते तो इस लेख में आपको “What is DNS in Hindi” बारे में पूरी जानकरी दी जा रही है।

DNS की फुल फॉर्म क्या है

DNS का पूरा नाम Domain Name System होता है। यह एक प्रकार का यूनिक IP Address होता हैं जो Server और Browser को जोड़ने का काम करता हैं। किसी भी वेबसाइट को सर्वर से जोड़ने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

DSN क्या होता है । What is DNS in Hindi

डीएनएस को सामान्य भाषा में समझे तो हम जानते हैं कि कंप्यूटर या मशीन इंसानी भाषा को नही समझ पाते है। इसलिए मशीन और मनुष्य के बीच किसी बात को समझने के लिए हमे Binary Languages की अवश्यकता होती है। कुछ जगह बाइनरी भाषा काम में आती हैं तो कुछ जगह 0 और 1 से अलग नंबर।

DNS भी IP Address के रूप में नंबर का ही काम करता है। DNS एक विशेष प्रकार का कोड होता है जो Web Address यानी Domain Name और Server को बीच में जोड़ने का काम करता है।

DNS नंबर यानी Server के Ip Address को हमेशा याद रखना मुश्किल होता है इसलिए उनके लिए हमे Domain name की आवश्यकता होती हैं जैसे Wikipedia, Google, Where buffalo roam इत्यादि। यह सभी डोमेन नाम अपने-अपने सर्वर में Domain Server से जुड़े हुए होते हैं।

डीएनएस और डोमेन जो एक साथ जोड़ने के लिए हमे कम से कम एक Domain Name और Domain Name Server की जरूरत होती है। इसके बाद यह दोनों आपस में जुड़ जाते हैं और Domain Name के आधार पर DNS अपना काम शुरू कर देता है।

DNS कैसे काम करता है । DNS के कार्य

DNS कैसे काम करता है, इसके बारे में आज हर कोई जानना चाहता है। अब आपको उन तरीकों के बारे में बताते है जिससे आपको समझ में आ सके कि आखिर एक DNS कैसे काम (कार्य) करता है।

मान लीजिए हम Google वेबसाइट (सर्च इंजन) को ही समझते हैं कि आप जब भी Google को ओपन करते हैं तो यह कैसे आपके सामने डाटा दिखाती है।

जब भी आप अपने Web Browser में Google या कोई अन्य साईट को टाइप करते हैं और उसको ओपन करते हैं तो इसमें Browser का पहला काम होता है उस वेबसाइट के IP Address को खोजना। जैसे ही ब्राउज़र में उसका IP Address मिल जाता है तो ब्राउज़र उस IP Address के सर्वर से जो भी डाटा होता है उसे ढूंढ कर उसका डाटा आपकी स्क्रीन पर दिखा देता है।

अगर आप Google.com को अपने मोबाइल और कंप्यूटर में पहली बार खोल रहे हैं तो उसके बाद आपके कंप्यूटर के नाम और सर्वर के नाम से IP Address के जरिये सर्वर को Request करेगा जिसके बाद वो साईट ओपन हो पाएगी।

उक्त पैराग्राफ में दी गई जानकारी से आप समझ सकते है कि डीएनएस के कार्य क्या है।

DNS के प्रकार

DNS Server मुख्यता 4 प्रकार के होते है जो निम्न हैं –

  1. DNS resolver – DNS resolver ISP (internet service provider) के द्वारा प्राप्त किया जाता है।
  2. Root name server – इसे 12 भिन्न भिन्न ऑर्गेनाइजेशन द्वारा कंट्रोल किया जाता है और इसका उपयोग पूरी विश्व में होता है। Informational pages बनाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। उदाहरण – www.root-servers.org।
  3. TLD name server – इस सरवर में सभी डोमेन नेम और वेबसाइट्स की जानकारी Save रहती है। उदाहरण- .com, .net, .in, .edu
  4. Authoritative name server – इसमें वेबसाइट की IP Address स्टोर रहती है।

DNS की खोज किसने की थी

DNS की खोज सन 1983 में Paul Mockapetris ने की थी जिसने IP Address से सम्बंधित समस्या को दूर करने में काफी मदद की। IP Address से सम्बंधित की समस्या क्या थी यह आप “DNS के इतिहास” में नीचे पढ़ सकते हैं।

DNS का इतिहास

DNS का इतिहास काफी पुराना है। DNS का पहली बार इस्तेमाल आज से करीब 42 साल पहले हुआ था। उस समय जब इंटरनेट का विस्तार कम था और IP Address को याद रखना आसान था तब इस तकनीक का विस्तार हुआ था। इसके बाद जैसे-जैसे नेटवर्क बढ़ता गया वैसे-वैसे IP Address को याद रखना बहुत मुश्किल होता गया और उनकी जगह DNS का इस्तेमाल होने लगा और उनके बाद DN यानी Domain Name का इस्तेमाल होने लगा।

DNS की बढती समस्या को देखते Paul Mockapetris ने इस समस्या के समाधान के लिए Domain Name का अविष्कार किया। Domain Name का विस्तार में आना इस समस्या समाधान था कि मनुष्य किसी भी वेबसाइट और कंपनी का नाम आसानी से पढ़ सके।

Domain क्या होता है

हम जब भी DNS की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में Domain Name का भी जिक्र आता हैं। क्या आप जानते हैं की Domain क्या होता है? इसके बारे में साधारण शब्दों में समझे तो यह वेबसाइट का एक नाम होता हैं जो किसी वेबसाइट के IP Address के ऊपर इस्तेमाल होता है।

अगर आपकी वेबसाइट है जिसका नाम उदहारण के तौर पर https://Wikipedia.com है। अगर आप अपनी साईट को होस्ट करते हैं तो उस सर्वर से आपको एक IP Address मिलता है और उस IP Address को इस Domain Name से जोड़ सकते हैं।

इसके बाद अगर कोई यूजर आपके Domain Name को सर्च करेगा तो वो सीधा आपके वेबसाइट के IP Address से जुड़ जायेगा और आपकी वेबसाइट खुल जायेगी।

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निष्कर्ष –

DNS क्या है? DNS के मुख्य कार्य क्या है और DNS कितने प्रकार के होते है? लेख आपको जरुर पसंद आया होगा। मित्रों, मोबाइल में प्राइवेट डीएनएस क्या है और DNS सर्वर कैसे काम करता है आर्टिकल से संबंधित आपका कोई प्रश्न हो तो हमे कमेंट में सेंड कर सकते है।

मैंने काफी रिसर्च करके DNS क्या होता है, कैसे काम करता है और डीएनएस का फुल फॉर्म क्या है लेख तैयार किया है ताकि DNS in Hindi से संबंधित Google पर सर्च करना ना पढ़े।

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