आज के लेख में छोटा परिवार सुखी परिवार पर निबंध पीडीएफ ( Essay on Small Family in Hindi Pdf) – Chhota Parivar Sukhi Parivar Par Nibandh in Hindi की जानकारी दी गई है।
क्या आप भी एजुकेशन के दौरान होने वाले एग्जाम में आने वाले निबंध में “छोटा परिवार सुखी परिवार पर निबंध in hindi” की जानकारी जानने आए हैं। Chhota Parivar Par Nibandh वर्तमान समय में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी जो कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 मैं पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए छोटा परिवार सुखी परिवार पर निबंध 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900, 1000 शब्दों में हिंदी में रिसर्च करके तैयार किया गया है ताकि एग्जाम में Chhota Parivar Essay in Hindi अच्छे से लिखे और अच्छे से अच्छे अंक प्राप्त करें।
छोटा परिवार पर निबंध PDF – Small Family Essay on Happy Family in Hindi PDF
प्रस्तावना : आज जिस-जिस गति से शिक्षा-ज्ञान का प्रचार-प्रसार हो रहा है, उतनी गति से हम मोह और आकर्षण में वंधते जा रहे हैं । आज इसीलिए भौतिक सुख को प्रकृति के सुखों से कहीं बढ़कर श्रेष्ठ और महान् सभझते जा रहे हैं। इसीलिए आज हम परिवार के भविष्य को भूल कर के केवल उसे वर्तमान का महत्व देकर उसे अधिक-से-अधिक बड़ा होते हुए देखकर भी कोई चिन्ता और परवाह नहीं कर रहे हैं।
बड़ा परिवार समस्या और कठिनाइयां
बड़ा परिवार अनेक प्रकार की कठिनाइयों से भरा हुआ होता है । बड़ा परिवार न केवज संख्या की दृष्टि से ही अपितु समस्याओं की दष्ट से भी अधिक कष्टदायक और चिन्ताजनक है क्योंकि बड़े परिवार की जो मूल आवश्यकताएँ हैं, इतनी अधिक और विस्तूत हैं कि उनका पुरा होना एक वहूत वड़ा आহचर्यं है ।
बड़ा परिवार आमदनी और खर्चे
इस परिवार की जहां आमदनी अधिक होती है बहाँ इसके खर्च भी इससे कई गुना अधिक होते हैं । और जै से-जैसे परिवार की संख्या बढ़ती जाती है बैसे-वैसे परिवार के एक-एक सदस्य के खर्च में कटौती होती जाती है। इस प्रकार से हम देखते हैं कि बड़ा परिवार सचमूच में सुख से भटकाने वाला परिवार है । यह विकास के मार्ग से हटाकर उलभनों भरे मार्ग पर ले जान वाला है । बड़ा परिवार एक-एक सदस्य की आवश्यकताओं की पूर्ति करने में बार-बार लगा रहता है। वह परिवार के सदस्थ के हित-चिन्तनधारा से कभी भी मुक्त नहीं हो पात है। इसलिए बड़ा परिवार मेनुष्य जीवन के लिए एक बहुत बड़ा कष्ट एवं रुकावट है।
छोटा परिवार सुखी परिवार Chhota Parivar Sukhi Parivar
बड़े परिवार की तुलना में छोटा प्रिवार अपनी सीमित आवश्यकताओं वाला परिवार है। इसके सदस्य सीमित होते हैं जिनकी आवश्यकताएँ छोटी और कम खर्च की होती हैं क्योंकि इसकी आय भी कम होती है जिसके अनूसार छोटी संख्था वाले इस परिवार की एक-एक् आवश्यकओ की पूति के लिए ठीक ढंग से खर्चा भी किया जाता है।
छोटा परिवार आपसी तालमेल
छोटे परिवार के व्यक्तियों की सहमति और रजामन्दी बड़े-वड़े परिवार के व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक होती है । इस परिवार के सदस्यों में एकता होती है जिसका एकमात्र कारण होता है-परस्पर दुःख-सुख की तुरन्त समझना अर इसमें परस्पर हाथ बटाना । दुःख-सुख में हाथ बैटाने का अवसर वड़े परिवार की अपेक्षा छोटे परिवार को अधिक मलता है क्यों कि कम संख्या होने के कारण एक-दूसरे के दुःख-सुख में पास पहुंचने या समझने में तनिक देर नहीं लगती है।
छोटा परिवार रोटी कपड़ा और मकान
छोटे परिवार में इसीलिए रोटी, कपड़ा और मकान की समत्थाए इतनी बड़ी और भयंकर नहीं होती हैं जितनी कि बड़ परिवार की होती हैं। इस प्रकार से छोटा परिवार बड़े परिवार की तुलना में कहीं वहुत ही श्रेष्ठ अर सुखकर प्रिवार सिद्ध होता है।
छोटा परिवार राष्ट्र के लिए हितकारी
परिदार का सम्बन्ध समाज से होता है और समाज का सम्बन्ध राष्ट्र से होता है । अतः परिवार. का दुःख समाज का दुःख और राष्ट्र का दुःख है। इस दृष्टिकोण से भी परिवार को सुखी और सम्पन्न बनाने की आवश्यकता निरन्तर बनी रहती है। एक् राज्य में सरकार का उत्तरदायित्व अपने नागरिकों और उनके परिवारों से सम्बन्धित होता है जिससे आथिक और सामाजिक समस्याओ का निदान होता है। इससे सरकार एक -एक व्यक्ति की प्राथमिक अवश्यकताओं को पूर्ति किया करती हैं ।
इस प्रकार से सरकार परिवार और इसके व्यक्तियों की आवश्यकताओं और समस्याओं के प्रति अपने कत्तव्य का पूरा पालन किया करती है। इसी अर्थे में सरकार समय -समय पर आथिक सहायता और विभिन्त प्रकार के सामाजिक कार्यशक্रमों को आयोजित किया करती है।
छोटा परिवार आर्थिक रूप से मजबूत
सुखी परिवार होता है। इसके विषय में जब हम विचार छोटा परिवार करते हैं तो यह अवश्य देखते हैं कि छोटा परिवार समाज का सम्मानीय और प्रतिष्ठित परिवार होता है । इसके लिए उतनी मात्रा में भोजन, वस्त्र, आवास, चिकित्सा, मनोरंजन, स्वास्थ्य, ज्ञान-विज्ञान, शिक्षा आदि की आवश्यकताएँ उतनी नहीं पड़ती हैं जितनी कि बड़े परिवार को पड़ती हैं । इस तरह से छोटे परिवार के द्वारा न केवल पारिवरिक अपितु सामाजिक अऔर राष्ट्रीय बचत और उन्नति होती है । यह एक प्रकार से राष्ट्र और समाज के विकास का सूचक और आधार सिद्ध होता है।
परिवार को सुखी और छोटा बनाए
छोटा परिवार और परिवार को सुखी और सम्पन्न केसे रखा जा सकता है, यह एक विचारणीय प्रश्न है । छोटा परिवार और सुखी परिवार को रखने के लिए हमें सर्व प्रथम जनसंख्या पर लगाम लगानी चाहिए। जिस प्रिवार की जनसंख्या सीमित और कम होगी, वह परिवार सचमुच में छोटा और सुखी परिवार होगा।
सरकारी कार्यक्रमों को मानना
छोटा परिवार और सुखी परिवार बनाने के लिए हमें सरकारी कार्यक्रमों को अपनाना पड़ेगा। सरकारी योजनाओं को समझते हुए इसके विषय में अनेक प्रकार से सभ्पर्क करना होगा। छोटा परिवार और सुखी परिवार रखने के लिए हमें परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं को अपनाते हुए इसके कई आवश्यक पहलुओं के विषय में व्यक्तिगत रूप से जानकारी हासिल करनी चाहिए।
सुखी परिवार हेतु अंधविश्वासों को हटाना
छोटा परिवार और सुखी परिवार को बनाये रखने के लिए हमें दैवीय इच्छा और अन्धविश्वासों को त्यागना होगा जिसे मुसलमान, केथोलिक और घर्मंभीत लोग सवं प्रथम स्वीकार कर लेते हैं । छोटा परिवार और सुखी परिवार तभी सम्भब होगा जब हम शिक्षित, बड़ी ओयु में विवाह और सन्ततिनिग्रह के उपायों पर विचार करते हुए इसे अपनाएंगे।
उपसंहार
इस प्रकार से छोटा परिवार : सुखी परिवार बनते हुए समाज का एक आदर्श और प्रेरणादायक स्तभ्भ सिद्ध हो सकता है जिसकी आज सबसे पहली आवबश्यकता है।
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