आज के लेख में “संयुक्त राष्ट्र संघ पर निबंध Essay on United Nations Organization in Hindi PDF” (Essay on UNO in Hindi) में यूएनओ के उद्देश्य, प्रस्तावना, सदस्य देश, प्रमुख अंग, मुख्यालय,स्थायी सदस्य देश, ध्वज, कार्य, संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा, महासभा, सुरक्षा परिषद, संस्थाएं (UNO Objectives, Preamble, Member States, Major Organs, Headquarters, Permanent Member States, Flag, Functions, Language of the United Nations, General Assembly, Security Council, Institutions) की जानकारी दी गई है।
Sanyukt Rashtra Sangh Par Nibandh में विस्तार से संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना से लेकर आज तक का पूरे इतिहास की जानकारी शामिल कि गई है ताकि आपको यूनाइटेड नेशन्स ऑर्गेनाइजेशन की सही इनफॉर्मेशन मिल सके।
संयुक्त राष्ट्र संघ पर निबंध Essay on United Nations Organization UNO in Hindi PDF
प्रस्तावना :- मानव-सभ्यता की शुरूआत के साथ ही सत्ता एवं धर्म के वर्चस्व के लिए युद्धों का सिलसिला प्रारम्भ हो गया था। वैज्ञानिक प्रगति के साथ युद्ध की तकनीकों में परिवर्तन देखने को मिले। स्थिति यह बन गई कि एक देश दूसरे मुल्क पर अपनी शक्ति के बलबूते कब्जा करने के लिए उचित-अनुचित हथकण्डे अपनाने लगे। और ऐसे में युद्ध का जवाब युद्ध से मिलना स्वाभाविक था। फिर तो लगातार बढ़ती युद्ध की आशंका से दुनिया को उबारने के प्रयास के लिए एक विश्व स्तरीय संगठन की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। इसी उद्देश्य को लेकर प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद सन् 1929 में राष्ट्र संघ का गठन किया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ क्या है? What is United Nations Organization in Hindi
Sanyukt Rashtra Sangh Kya Hai : संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations Organization) एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसे संक्षिप्त रूप से कई समाचार पत्र संरा भी लिखा जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ अन्तर्राष्ट्रीय कानून, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास एवं सामाजिक निष्पक्षता में सहयोग को सरल करने जैसे उद्देश्यों को लेकर 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई। इसलिए 24 अक्टूबर को प्रत्येक वर्ष यह दिन पूरे विश्व में संयुक्त राष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बनाए गए इसी संगठन को ही संयुक्त राष्ट्र संघ कह जाता है।
UNO Ka Full Form : UNO का फुल फॉर्म Union Nations Organization होता है English में। यूनियन नेशंस ऑर्गेनाइजेशन (Union Nations Organization) को हिंदी में संयुक्त राष्ट्र संघ (यू.एन.ओ) कहते है।
संयुक्त राष्ट्र संघ का इतिहास
Sanyukt Rashtra Sangh Ka Itihas : विश्व-स्तरीय इस संगठन की सबसे बड़ी विफलता यह रही कि 1939 में दुनिया को द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल होने से यह नहीं रोक सका। द्वितीय विश्वयुद्ध के कुपरिणामों को देखते हुए यह तय था कि यदि तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो मानव सभ्यता को विनाश के कगार पर पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता। राष्ट्र संघ भी अपने उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रहा था। इस परिस्थिति में एक विश्वसनीय एवं सक्षम अन्तर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता महसूस की गई, ताकि अगले विश्वयुद्ध की नौबत ही न आए।
1973 में एक आयोजन अल्जीरिया की राजधानी अल्जीयर्स में हुआ, जिसमें संयुक्त राष्ट्र संघ केतत्कालीन महासचिव डॉ. कुर्त वाल्दहीम ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर भाग लिया। इसके पाँचवें शिखरसम्मेलन का आयोजन अगस्त, 1976 में श्रीलंका में हुआ। एशिया के किसी देश में होने वाला यह पहलागुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन था। गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों का छठा शिखर सम्मेलन सितम्बर, 1979 में क्यूबा की राजधानी हवाना में आयोजितहुआ था। इसका सातवाँ शिखर सम्मेलन इराक की राजधानी बगदाद में होना तय था, किन्तु ईरान-इराक युद्धके कारण मार्च, 1983 में यह नई दिल्ली में आयोजित हुआ। इस सम्मेलन में परमाणु युद्ध रोकने के लिए शस्त्रहोड़ पर प्रतिबन्ध लगाने तथा हथियारों पर खर्च होने वाले धन को विकास एवं कल्याणकारी कार्यों में लगानेकी बात की गई थी तथा प्रौद्योगिकी एवं वैज्ञानिक तकनीक ज्ञान के विकास के लिए नई दिल्ली में विज्ञान एवंप्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित करने का सहमति-पत्र तैयार हुआ।
गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों का आठवाँ शिखर सम्मेलनजिम्बाब्वे की राजधानी हरारे में सितम्बर, 1986 में आयोजित हुआ था। इस शिखर सम्मेलन में रंगभेद एवं उपनिवेशवाद जैसी समस्याओं पर चर्चा की गई। वहीं 1989 में यूगोस्लाविया में आयोजित नौवें शिखरसम्मेलन में आर्थिक विषयों पर चर्चा की गई। इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 1992 में आयोजित गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों के दसवें शिखर सम्मेलन में परमाणु शस्त्रों की समाप्ति तथा इसके शान्तिपूर्ण प्रयोग के साथ-साथ आतंकवाद के खात्मे के लिए आपसी सहयोग की बात की गई।
कोलम्बिया के कार्ताजेना में 1995 मेंआयोजित गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों के ग्यारहवें शिखर सम्मेलन में परमाणु निःशस्त्रीकरण पर बल देने की बात कीगई। इसके बाद बारहवाँ शिखर सम्मेलन 1998 में दक्षिण अफ्रीका के डरबन में, तेरहवाँ 2003 में मलेशिया कीराजधानी कुआलालम्पुर में, चौदहवाँ 2006 में क्यूबा की राजधानी हवाना में तथा पन्द्रहवाँ मिस्र के शहरशर्म-अल-शेख में 2009 में आयोजित किए गए। गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों का सोलहवाँ शिखर सम्मेलन 2012 में ईरानकी राजधानी तेहरान में आयोजित किया जाएगा।
गुटनिरपेक्ष आन्दोलन की शुरूआत विश्व की दो महाशक्तियों से अलग रहकर अपने हितों की रक्षा करनेके दृष्टिकोण से दुनिया के नए-नए स्वतन्त्र हुए राष्ट्रों द्वारा की गई थी। दिसम्बर, 1991 में सोवियत रूस केविघटन के बाद शीत-युद्ध भी समाप्त हो गया। तब से गुटनिरपेक्ष आन्दोलन की प्रासंगिकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि जिन परिस्थितियों में इसकी शुरूआत की गई थी अब वैसी परिस्थितियाँ नहीं रहीं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आयोजित इसके शिखर सम्मेलनों के विषयों पर गौर किया जाए, तो इसकी प्रासंगिकतास्पष्ट हो जाती है। इसका उद्देश्य शीत युद्ध एवं सैनिक गठबन्धन अलग रहने के अतिरिक्त आपसीसम्बन्धों को सुदृढ़ करके विभिन्न देशों का विकास करना भी था।
आतंकवाद एवं पर्यावरण-संकट जैसी वैश्विक समस्याओं के समाधान में इसकी भूमिका अहम हो सकती है और इस दिशा में प्रयास भी किए जा रहे हैं। विश्व-शान्ति एवं सह-अस्तित्व भी गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के उद्देश्यों में शामिल था, जिसके लिए गुटनिरपेक्ष राष्ट्रों को साथ मिलकर काम करना ही होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ में यूरोप के कुछ विकसित राष्ट्रों के वर्चस्व के कारण भी इसकी प्रासंगिकता बढ़ जाती है, क्योंकि यह इसके समानान्तर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े अन्तर्राष्ट्रीय मंच के रूप जाना जाता है। गुटनिरपेक्ष आन्दोलन समस्त राष्ट्रों हेतु समान एवं उचित आर्थिक व्यवस्था एवं विश्व में स्थायी शान्ति, सुरक्षा तथा अन्तर्राष्ट्रीय अन्तः क्रियाओं में सभी की सम्मानपूर्ण भागीदारी के लिए प्रयासरत है।
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संयुक्त राष्ट्र संघ का ध्वज
संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में है। संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए एक ध्वज 20 अक्टूबर, 1947 को अपनाया गया। इस ध्वज की पृष्ठभूमि हल्की नीली है तथा इसका मध्य भाग सफेद है। ध्वज पर विश्व का मानचित्र अंकित है जो उत्तरी ध्रुव की ओर से उठा हुआ दिखाई देता है। मानचित्र पर फैली हुई जैतून की शाखाओं का एक युग्म शान्ति के प्रतीक के रूप में अंकित है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देश
प्रारम्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ में 51 सदस्य थे, किन्तु अब इसके सदस्य देशों की संख्या 193 हो चुकी है। इसकी सदस्यता का द्वार उन सभी शान्तिप्रिय राष्ट्रों के लिए खुला है जो निम्न सभी UNO द्वारा जारी नियम को फॉलो करता हो –
- जो संघ की जिम्मेदारियों कोस्वीकार करें।
- संघ के निर्णयानुसार इन दायित्वों को पूरा करने के योग्य एवं इसके लिए तैयार हों।
- जिनकी सदस्यता के लिए सुरक्षा परिषद् के पाँच स्थायी सदस्यों की सहमति हो।
- जिसे सदस्यता के लिए महासभा में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त हुआ हो।
संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य Objectives of the United Nations in Hindi
Sanyukt Rashtra Sangh Ke Uddeshya : संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना करने के मुख्य उद्देश्य जिस प्रकार सन 1940 में लीग ऑफ नेशंस के होने के बावजूद भी दूसरे विश्वयुद्ध को रोका नहीं जा सका, जिसको देखते हुए आने वाले समय में ऐसी परिस्थिति ना बने। संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य उद्देश्य कोई एक नहीं है।
जब संयुक्त राष्ट्र संघ (यू एन ओ) की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई थी उसी दिन इस संगठन ने अपने घोषणा मैं कुछ उद्देश्य शामिल किए थे जोकि निम्नानुसार है –
- दुनिया में मौजूद सभी देशों के बीच शांति एवं सुरक्षा कायम रखना।
- विश्व स्तर पर मानव के अधिकारों की रक्षा हेतु लगातार प्रयास करते रहना।
- दुनिया के विभिन्न देशों के अस्मिता और सहिष्णुता को बरकरार रखकर अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बनाना।
- भविष्य में तीसरा युद्ध का मौका ना आए इसलिए नो फर्स्ट यूज पॉलिसी को सभी परमाणु शक्ति वाले शक्तिशाली देशों द्वारा स्वीकार करने के लिए प्रेरित करना।
- कुछ देश ऐसे भी होते हैं जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हुए थे उनके विकास के समान अवसर प्रदान करना भी संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्देश्य हैं।
- पर्यावरण की रक्षा करना अभी एक बहुत बड़ा मुद्दा बन चुका है इसलिए सभी देशों को साथ लेकर पर्यावरण की सुरक्षा करना भी संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य उद्देश्य है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्य Work of the United Nations
Sanyukt Rashtra Sangh Ke Karya : विश्व के सभी देशों में मौजूद मानव के अधिकारों की रक्षा एवं उनके विकास हेतु सन् 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कई विशेष प्रावधानों को जोड़ा है। हर व्यक्ति को उसके मूलभूत अधिकारों की प्राप्ति हो जिसके लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा दुनिया के तमाम देशों में लोकतांत्रिक सरकारों के गठन पर जोर देती है। संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्य निम्नानुसार है –
देशों के बीच विवाद सुलझाना
दो देशों के बीच कभी-कभी ऐसी परिस्थिति बन जाती कि बीच सीमा विवाद, स्थान और नदी पर अधिकार करने हेतु लड़ाई छिड़ जाती है। यह लड़ाई ज्यादा ना बड़े और दोनों देशों में आपस में शांति बनी रहे इसके लिए संयुक्त राष्ट्र संघ हमेशा इन सब चीजों को नोटिस करता है और समय-समय पर दोनों देशों के बीच समन्वय बनाने का काम करता है।
उदाहरण के लिए भारत और चीन में बीच-बीच में डोकलाम सीमा विवाद का मुद्दा उलझ जाता है। और दोनों देशों में शांति बनी रहे इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ दोनों देशों को शांति कायम रखने के लिए के लिए समझाता है और संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में इस चीज पर ध्यान केंद्रित किया जाता है दोनों देशों के मंत्रियों को जनहित और लोक कल्याण हेतु सही दिशा निर्देश देने का कार्य करता है।
पर्यावरण सुरक्षा हेतु कार्य
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिस प्रकार पर्यावरण की सुरक्षा को अनदेखा किया जा रहा है, सभी देश जिस प्रकार टेक्नोलॉजी विकसित करने के चक्कर में पर्यावरण संरक्षण को भूलते जा रहे है।
यह गलती आने वाले समय में विश्व के लोगो के लिए प्रदूषित जलवायु विनाशकारी सिद्ध हो सकती है। पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी देशों का ध्यान केंद्रित करने के लिए समय-समय पर अलग-अलग प्रकार के पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रमों का निर्माण किया है।
हर वर्ष ऐसे देशों की सफाई की जाती है जो पर्यावरण प्रदूषण पर ध्यान नहीं देते हैं उनका ध्यान केंद्रित किया जाता है और उनको बताया जाता है कि आप किस प्रकार से पर्यावरण प्रदूषण को रोक सकते हो।
पिछड़े देशों का आर्थिक विकास
कुछ देश ऐसे होते है जो पिछड़े है, आर्थिक तंगी से जूझते है, ऐसे देशों में विकास हो उसके लिए विकास को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ विशेष नीतियों को अपनाता है।
विश्व के अफ्रीका देश में आज भी काफी पिछड़े और गरीब देश है, जो UNO के आर्थिक विकास की सूची मे प्राथमिकता में है।
आपको बता दे कि संयुक्त राष्ट्र संघ अपनी इन नीतियों के द्वारा बहुत ही कम ब्याज पर पिछड़े हुए देशों को आर्थिक सहायता देता है।
स्वास्थ्य के प्रती जागरूकता
एशिया के 3 देशों पाकिस्तान, निजीरिया और अफगानिस्तान में पोलियोमाइलाइटिस को समाप्त करने हेतू पोलियो उन्मूलन की पहल की जा रही है।
विश्व स्वाथ्य संगठन/W.H.O अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर स्वास्थ्य संबंधित कार्यों को देखता है। इसके अलावा और भी बहुत सारी स्वाथ्य संबंधी संस्थाएं है जो विश्व भर के रोग निवारण कार्य करती है।
बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा
संयुक्त राष्ट्र संघ महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले भेदभाव को खत्म करने हेतू काम करता है। आपको बता दे कि यूएनओ द्वारा समय समय पर अनेक प्रकार के कार्यक्रम करता रहता है।
मानव तस्करी और बाल मजदूर के उत्थान के लिए विश्व स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ की कई शाखाएं काफी एक्टिव रहकर काम करती है।
नशीले पदार्थों पर रोक
नशीले पदार्थों या नशीली दवाइया आज के समय में एक अवैध तस्करी का धंधा बन गया है। इन्ही अवैध तस्करी को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने वैश्विक स्तर पर नियम बनाए हैं। देश चाहे कोई भी हो अगर किसी देश को आगे बढ़ना है तो उनके देश में रहने वाली युवा पीढ़ी का योगदान बहुत रहता है।
अगर देश के युवा अपने स्वास्थ्य का ध्यान न देकर इन नशीले पदार्थों का सेवन करेंगे तो इसका परिणाम यह निकलेगा कि वह देश कभी भी विकास नहीं कर पाया और एक बर्बादी की कगार की ओर बढ़ता हुआ चला जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र संघ दुनिया के अलग-अलग देशों में नशीली दवाइयों की तस्करी को रोकने के लिए अलग अलग तरीके से नियम बनाकर काम कर रही है।
प्राकृतिक आपदाओं से बचाव
प्राकृतिक आपदाएं अचानक आने वाली ऐसी आपदाएं होती है जिनको मानव द्वारा रोका नहीं जा सकता लेकिन इनसे निपटने के लिए पहले से रणनीति बनाकर तैयारियां की जा सकती है। संयुक्त राष्ट्र संघ की शाखा विश्व मौसम विज्ञान संगठन प्राकृतिक आपदाओं से बचाव हेतु कार्य करती है।
भविष्य में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं की पहले से चेतावनी देती है और उस आपदा से कैसे निपटा जा सकता है सभी देशों को अवगत कराती है ताकि किसी भी देश को ज्यादा नुकसान और किसी प्रकार की जनहानि ना हो।
आतंकवाद पर लगाम
आतंकवाद की समस्या वर्तमान समय में एक वैश्विक मुद्दा बन चुका है।
संयुक्त राष्ट्र संघ आतंकवाद की गतिविधियों में सहायता करने वाले देशों या आतंकी संगठन पर भी नजर रखता है, जो आतंकवाद की गतिविधियां करता है या फिर ऐसी गतिविधियों में सहायता करने का काम करता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ कुछ ऐसे देश जो आतंक की गतिविधियों में पाए जाते हैं तो ऐसे देशों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा देता है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध कई प्रकार के होते हैं जैसे विश्व बैंक से ऐसे देशों को कोई सहयोग ना मिलना या दूसरा कोई प्रतिबंध भी हो सकता है।
वर्तमान समय में पाकिस्तान अफगानिस्तान इराक ऐसे देश है जिन पर आतंकवाद को सहारा देने के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है।
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संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग Parts of the United Nations in Hindi
Sanyukt Rashtra Sangh Ke Aang : संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर अनुच्छेद 7 के मुताबिक छह अंग हैं, जो निम्नानुसार है –
- महासभा
- सुरक्षा परिषद
- आर्थिक एवं सामाजिक परिषद्
- न्यासी परिषद्
- अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय
- सचिवालय
संयुक्त राष्ट्र संघ छ: भाषाएं
Sanyukt Rashtra Sangh Ki Bhasha: संयुक्त राष्ट्र संघ में अभी तक मान्यता प्राप्त भाषाओं की संख्या 6 है जो कि निम्नानुसार है –
- अंग्रेजी
- फ्रेंच
- रूसी
- चीनी
- अरबी
- स्पेनिश
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संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly)
महासभा, संयुक्त राष्ट्र संघ का विमर्शी निकाय है, जिसमें इसके सभी सदस्यों का प्रतिनिधित्व रहता है। इसका अधिवेशन वर्ष में एक बार नियमित रूप से आयोजित किया जाता है। इसमें एक अध्यक्ष और 7 उपाध्यक्ष होते हैं। कार्य के सुचारू संचालन के लिए 6 समितियां होती है। महासभा के कार्य सदस्य राज्यों का प्रवेश बजट पारित करना राष्ट्र संघ बजट पारित करना मानव कल्याण के लिए सहायता करना आदि है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।
सुरक्षा परिषद (Un Security Council)
सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते हैं जिनमें पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यपालिका है, जिसकी बैठक हर 14 दिन में एक बार होती है। यह संस्था लगातार काम करती रहती है। इस कार्यपालिका के स्थायी सदस्यों में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन शामिल है, वहीं अस्थायी सदस्यों का चुनाव 2/3 बहुमत से महासभा द्वारा किया जाता है। सदस्यों के प्रवेश वनिष्कासन की संस्तुति करना तथा महासचिव का चुनाव करना, सुरक्षा व अंतरराष्ट्रीय शांति से संबंधित विवादों का निपटारा करना, व महासभा के साथ मिलकर जजों को चुनना आदि इसके प्रमुख कार्य हैं। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के पास वीटो (निषेधाधिकार) होता है।
आर्थिक व सामाजिक परिषद (Un Economic and Social Council)
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है। इसमें सदस्यों की संख्या 54 होती है। हर वर्ष 1/3 सदस्य खाली स्थानों के लिए चुने जाते है। इसका काम विश्व के आर्थिक रूप से गरीब, बीमार, अनपढ़ और असहाय लोगों की सहायता करना है। मानवीय अधिकारों व मौलिक स्वतंत्रता का लागू करने के लिए संस्तुति करना, आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाना करना आदि प्रमुख कार्य है।
प्रन्यास परिषद (Un Council of Trustees)
संयुक्त राष्ट्र संघ के घोषणापत्र के अनुसार यह व्यवस्था कर दी गई थी कि जो प्रदेश अविकसित एवं पिछड़े हुए है, पूर्ण स्वायतशासी नही है, वहाँ के रहवासियों के हितों की रक्षा लिए उन्हें न्यास व्यवस्था के अंतर्गत विकसित राष्ट्रों को धरोहर के रूप में सौप दिया जाय। उन देशों को विकसित कर उनमे स्वशासन स्वतंत्रता के प्रति जागरूकता ला की जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (Un International Court of Justice)
1946 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना हॉलैंड के हेग नगर में की गई। कुल 15 न्यायधीश होते है। इनका कार्यकाल 9 वर्ष का होता है। इनमे 5 न्यायधीश ऐसे होते है जो प्रत्येक 3 वर्ष के बाद निवृत हो जाते है। इनकी नियुक्ति सुरक्षा परिषद व महासभा द्वारा की जाती है। इसका कार्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों पर विचार व व्याख्या करना है। इसका क्षेत्राधिकार उन सभी देशों पर है जो इसकी संविधि को स्वीकार कर चुके है।
सचिवालय (Un Secretariat)
यह संयुक्त राष्ट्र संघ का एक प्रशासनिक अंग है जो संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी कार्यों को संपादित करता है। सचिवालय का प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी महासचिव होता है। जो सचिवालय की सहायता से अपना सम्पूर्ण कार्य करता है। वह अपने पद के कारण संयुक्त राष्ट्र संघ के अन्य अंगो की कार्यवाही में उपस्थित रहता है व कार्यवाही में भाग लेता है। महासभा द्वारा बनाए गये नियमों के अनुसार पदाधिकारियों की नियुक्ति करता है। महासभा में वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है महासचिव का पद अत्यधिक महत्व का पद होता है।
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संयुक्त राष्ट्र संघ के संस्थाएँ और मुख्यालय (United Nations Organizations)
संयुक्त राष्ट्र संघ (U.N.O) को व्यापक एवं अलग अलग कार्यों में सहयोग देने के लिए अलग अलग क्षेत्रों में विशिष्ट निकाय है। जो सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं मानवीय कल्याण में कार्यरत है। इनकी अपनी स्वयं की कार्यप्रणाली है. यूएनओ के प्रमुख निकाय निम्नलिखित है –
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी – विएना में स्थित यह एजेंसी परमाणु निगरानी का काम करती है।
- अंतर्राष्ट्रीय अपराध आयोग – हेग में स्थित यह आयोग पूर्व यूगोस्लाविया में युद्द अपराध के सदिंग्ध लोगों पर मुक़दमा चलाने के लिए बनाया गया है।
- संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ़) – यह बच्चों के स्वास्थय, शिक्षा और सुरक्षा की देखरेख करता है।
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) – यह ग़रीबी कम करने, आधारभूत ढाँचे के विकास और प्रजातांत्रिक प्रशासन को प्रोत्साहित करने का काम करता है।
- संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन – यह संस्था व्यापार, निवेश और विकस के मुद्दों से संबंधित उद्देश्य को लेकर चलती है।
- संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ईकोसॉक) – यह संस्था सामान्य सभा को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग एवं विकास कार्यक्रमों में सहायता एवं सामाजिक समस्याओं के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शांति को प्रभावी बनाने में प्रयासरत है।
- संयुक्त राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक परिषद – पेरिस में स्थित इस संस्था का उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान संस्कृति और संचार के माध्यम से शांति और विकास का प्रसार करना है।
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी)- नैरोबी में स्थित इस संस्था का काम पर्यावरण की रक्षा को बढ़ावा देना है।
- संयुक्त राष्ट्र राजदूत- इसका काम शरणार्थियों के अधिकारों और उनके कल्याण की देखरेख करना है। यह जीनिवा में स्थित है।
- विश्व खाद्य कार्यक्रम – भूख के विरुद्द लड़ाई के लिए बनाई गई यह प्रमुख संस्था है। इसका मुख्यालय रोम में है।
- अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ – अंतरराष्ट्रीय आधारों पर मजदूरों तथा श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए नियम वनाता है।
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संयुक्त राष्ट्र संघ के स्थायी सदस्य देशों की संख्या और उनके नाम
संयुक्त राष्ट्र संघ यानी यूएनओ के सुरक्षा परिषद में टोटल देशों की संख्या पांच है जो कि स्थाई सदस्य देश हैं, जिनके नाम और संख्या निम्न है –
- चीन
- रूस
- फ्रांस
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
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निष्कर्ष –
HindiNote के लेख में हमने Sanyukt Rashtra Sangh Kya Hai, Sanyukt Rashtra Sang Ka Itihas के बारे में विस्तार से बताया है।
यूएनओ के बारे में जानकारी (Information about the United Nations in Hindi), से संबंधित आपका कोई भी प्रश्न हो तो कृपया आप संयुक्त राष्ट्र संघ : उद्देश्य, प्रस्तावना, घोषणा, स्थाई सदस्य देश, अंग, भाषाएं, लेख के नीचे कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न भेजें, आपको उचित जानकारी दी जावेगी।
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