स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – 15 अगस्त पर निबंध

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध Essay on Independence Day in Hindi

आज के लेख में स्वतंत्रता दिवस पर निबंध Essay on Independence Day in Hindi PDF की जानकारी हिंदी भाषा में दी गई है। यह लेख Swatantrata Divas per nibandh खासकर स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं कक्षा 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए 100, 200, 250, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900 शब्दों से 1000 शब्दों के बीच लिख कर तैयार किया गया है। ताकि परीक्षाओं में आप अच्छे अंक प्राप्त कर सके। चलिए शुरू करते हैं स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (15 August Par Nibandh) एवं स्वतंत्रता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है की जानकारी भी देने वाले हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध । 15 अगस्त पर निबंध

प्रस्तावना : स्वतंत्रता मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है। इसके बिना जीवन व्यर्थ है। पराधीन मनुष्य न तो सुखी रह पाता है और न ही अपनी इच्छाओं के अनुकूल जीवन व्यतीत कर पाता है। इसलिए कहा गया है – पराधीन सपनेहुं सुख नाहीं। इस तरह, प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता का विशेष महत्व होता है और यदि सदियों की परतंत्रता के बाद स्वतंत्रता हासिल हुई हो, तो ऐसी स्वतंत्रता का महत्व बढ़ जाता है।

स्वतंत्रता दिवस कब और क्यो मनाया जाता है

हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ। इस वर्ष 1997 में 50 वर्षों पश्चात इस की स्वर्ण जयंती भारत में मनाई जा रही है। इतना ही नहीं सारे भारतीय जो अन्य देशों में रह रहे हैं वे भी इस हर्षोल्लास में सम्मिलित हुए हैं।

14 अगस्त की मध्य रात्रि से आरंभ हुए आयोजनों का सिलसिला अगले वर्ष तक जारी रहेगा। 15 अगस्त को देश भर में सुबह स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरीयां निकाली और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। इसके अतिरिक्त खेल कूद एवं अन्य प्रतियोगिताएं व प्रदर्शनियां लगाई। इसी प्रकार सरकारी संस्थाओं में भी कर्मचारियों ने स्वर्ण जयंती मनाई। इसे ही स्वतंत्रता दिवस कहते हैं और यह प्रतिवर्ष 15 अगस्त 1947 को मनाया जाता है।

गुलामी का दौर और शोषण

भारत एक ऐसा देश है जिसका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। हमने हजारों साल के इतिहास में भारत को कई विदेशी आक्रमणो का सामना करना पड़ा। अधिकतर विदेशी आक्रमणकारी भारतीय सभ्यता-संस्कृति में इस तरह घुल-मिल गए, मानो वे यहीं के मूल निवासी हों। शक, हूण इत्यादि ऐसे ही विदेशी आक्रमणकारी थे। विदेशी आक्रमणकारियों के आगमन एवं यहाँ की सभ्यता-संस्कृति में घुल-मिल जाने का सिलसिला रुका नही यह मध्यकालीन मुगलों के शासन तक चलता रहा। 18वी सदी में जब अंग्रेजों ने भारत के कुछ हिस्सों पर अपना अधिकार जमाया लिया, तब यहाँ के लोगों को गुलामी का अहसास पहली बार हुआ। अब तक सभी विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत को अपना देश स्वीकार कर यहाँ शासन किया था, किन्तु अंग्रेजों ने अधिकार करने के साथ-साथ भारत के लोगों का बुरी तरह शोषण किया प्रताड़ित किया। अंग्रेज सिर्फ भारत में रहकर इंग्लैंड को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना चाहते थे। उन्नीसवीं शताब्दी में जब अग्रेजों ने मूगलों का शासन समाप्त कर पूरे भारत पर अपना अधिकार कर लिया, तो उनके शोषण एवं अत्याचारों में भी वद्धि होने लगी, फलस्वरूप भारतीय जनमानस दासता की बैड़ियों में जकड़ता गया। भारत माता गुलामी की जजीरों में कराहने लगी।

भारत को स्वतंत्रता कैसे मिली

भारत को स्वतंत्र कराने के लिए और स्वतंत्रता में विश्वास करने वाले स्वतन्त्रता के दीवानों ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी के संघर्ष करना शुरु कर दिया। आजादी का यह संघर्ष उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य से प्रारम्भ हुआ था। इस संघर्ष में कई लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी, कई लोग अंग्रेजों के जुल्म के शिकार हुए। बहुत सारे लोगो को जेल की सलाखों के पीछे नारकीय जीवन व्यतीत करना पड़ा। कुछ स्वतंत्र सेनानियों को काला-पानी की सजा दी गई। आजादी का यह संघर्ष सन् 1947 तक चला था।

प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी

भारत की आजादी के इस संघर्ष के नायकों की संख्या अनगिनत है। उन सबके नामों का यहाँ उल्लेख करना सम्भव नहीं, किन्तु भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के नाम इस प्रकार है – लाल बहादुर शास्त्री, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, जयप्रकाश नारायण, सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, खुदीराम बोस, महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू, अबुल कलाम आजाद, इत्यादि कृछ ऐसे स्वतन्त्रता सेनानी थे, जिनका भारत के स्वतन्त्रता संघर्ष में विशेष योगदान रहा था।

स्वतंत्र भारत 15 अगस्त 1947

सदियों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद/स्वतंत्र हुआ तो भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उस दिन भारत के लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा झण्डा फहराया था। उसी दिन से हर वर्ष लाल किले की प्राचीर पर इस दिन भारत के वर्तमान प्रधानमन्त्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। भारत के राष्ट्रीय ध्वज को को इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है एवं रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 15 अगस्त 1947 स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के प्रधानमंत्री झण्डा फहराने के बाद देश के नागरिकों को सम्बोधित करते हुए भाषण भी देते हैं। इसके बाद भारत के सभी नागरिक देश की स्वतंत्रता के लिए कुर्बान हुए शहीदो को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की स्वतन्त्रता की रक्षा करने का वचन दुहराते हैं।

स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है

स्वतन्त्रता दिवस भारत का राष्ट्रीय त्योहार है, इसलिए इस दिन सभी सरकारी और प्राइवेट कार्यालयों में राष्ट्रीय अवकाश होता है। 15 अगस्त 1947 के दिन सभी स्कूल, कॉलेजों एवं सरकारी कार्यालयों के अतिरिक्त निजी कार्यालयों में भी झंडा फहराने के साथ-साथ अनेक प्रकार के रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस दिन पूरा राष्ट्र इस दिन हर्ष, उल्लास, जोश एवं उत्साह से भरा हुआ होता है। लोय एक-दूसरे को बधाई देते हैं। स्कूल-कॉलेजों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है। विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के समापन के बाद मिठाई एवं पुरस्कारो का वितरण किया जाता है।

15 अगस्त, 1947 को लाल किले पर झण्डा फहराते हुए प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था- रात बारह बजे जब आधी दुनिया सो रही है भारत जीवन और स्वतन्त्रता पाने के लिए जाग रहा है। एक ऐसा क्षण, जो दुर्लभ है, जब हम पुराने युग से नए युग की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। भारत पुनः अपनी पहचान बनाएगा। आजादी के बाद भारत की प्रगति को देखकर यह कहा जा सकता है कि नेहरू जी का यह कथन आज सार्थक हो रहा है। आज भारत दुनिया भर में राजनीतिक ही नहीं आर्थिक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है। भारत के नौजवान अपनी प्रतिभा एवं क्षमता का लोहा पूरी दुनिया में मनवा रहे हैं। चारो तरफ़ चाहे गांव हो या शहर तेजी से विकास हो रहा है। महिलाएँ भी पुरुषों के साथ हरक्षेत्र में कन्धे से कन्धा मिलाकर चल रही हैं। आज भारत विश्व के माने हुए देशों की सूचि में शामिल हैं। कोई भी देश भारत पर कुछ बोलने से पहले सोचना है इसका क्या परिणाम होगा।

स्वतंत्रता के बाद संविधान लागू

स्वतंत्रता मिलने के बाद जब भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ उसी दिन को वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय प्रजातन्त्र में लिंग, जाति, धर्म इत्यादि किसी भी आधार पर नागरिकों में भेदभाव नही किया जाता है। धर्मनिरपेक्षता भारतीय गणतन्त्र की एक प्रमुख विशेषता है। पिछले कुछ वर्षों में साम्प्रदायिकता की स्वार्थपूर्ण एवं कुटिल राजनीति के कारण भारत की धर्मनिरपेक्षता की भावनाओं को काफी ठेस पहुँची है। इसके अतिरिक्त कुछ विघटनकारी शक्तियों ने भी देश के भीतर अपनी जड़े स्थापित कर ली हैं। हमें साम्प्दायिक ताकतों एवं देश की विघटनकारी शक्तियों का विरोध कर अपनी राष्ट्रीय एकता की रक्षा किसी भी कीमत पर करनी चाहिए। स्वतन्त्रता दिवस हमें देश के लिए शहीद हुए लोगों की याद दिलाता है। यह हमें किसी भी कीमत पर स्वतन्त्रता की रक्षा करने की प्रेरणा देता है।

इस राष्ट्र में एकता होती है, उसे न कोई तोड़ सकता है और न ही कोई उसका कुछ बिगाड़ सकता है ये बात सही भी है। वह अपनी एकता एवं सामूहिक प्रयास के कारण सदा प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है। कई बार हमारे दुश्मन देश या पैसे के लिए सब कुछ बेच देने वाले कुछ स्वार्थी लोग अराजकता एवं आतंकी कार्यों द्वारा हमारी एकता को भंग करने का असफल प्रयास करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस क्या प्रेरणा देता है

भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि इसकी एकता और अखण्डता बनाए रखने के लिए हर बलिदान और त्याग करने को प्रस्तुत रहे। हम अपनी चौकन्नी दृष्टि से ऐसे तत्त्वं को पनपने से रोक सकते है। देश के बुद्धिजीवियों और प्रबुद्ध नागरिकों का कर्तव्य है कि वे देश की जनता को इस दिशा में जागरूक कर समूचे राष्ट्र की एकता कायम रखने में अपना आवश्यक योगदान दे। चूँकि सशक्त और समृद्ध राष्ट्र ही राष्ट्रीय एकता की आधारशिला होती है इसलिए देश की एकता और अखण्डता की रक्षा करना हमारा परम कत्त्व्य है। स्वतन्त्रता दिवस प्रत्येक वर्ष हमें इसी की प्रेरणा देता है।

उपसंहार –

भारत का अभी तक का इतिहास साक्षी है कि अनेक धर्मों, अनेक जातियों और अनेक भाषाओं वाला यह देश अनेक विसंगतियों के बावजूद सदा एकता के एक सूत्र में बँधा रहा है। यहाँ आनेक जातियों का आगमन हुआ और वे धीरे-धीरे इसकी मूल धारा में विलीन हो गई। उनकी परम्पराएँ, विचारधाराएँ और संस्कृति इस देश के साथ एकरूप हो गई। भारत की यह विशेषता आज भी ज्यों- की -त्यों बनी हुई है। भारत के नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम इस भावना को नष्ट न होने दे, वरन् इसको और अधिक पुष्ट बनाएँ। इस कार्य में स्वतन्त्रता दिवस की भूमिका सर्वाधिक महत्त्पूर्ण होती है, इसके रूप में हम अपनी राष्ट्रीय एकता का जश्न मनातेहैं। यह हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक पर्व बन गया है। स्वतन्त्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं धन्यवाद। जय हिंद जय भारत।

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FAQ,s

  • स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है ?

    हर वर्ष 15 अगस्त 1947 का दिन भारत में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है!

  • स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है ?

    हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ। इस वर्ष 1997 में 50 वर्षों पश्चात इस की स्वर्ण जयंती भारत में मनाई जा रही है। इतना ही नहीं सारे भारतीय जो अन्य देशों में रह रहे हैं वे भी इस हर्षोल्लास में सम्मिलित हुए हैं।

  • स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर क्या है?

    हमारा देश भारत 15 अगस्त 1947 में ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ। इस वर्ष 1997 में 50 वर्षों पश्चात इस की स्वर्ण जयंती भारत में मनाई जा रही है। इतना ही नहीं सारे भारतीय जो अन्य देशों में रह रहे हैं वे भी इस हर्षोल्लास में सम्मिलित हुए हैं।

  • 15 अगस्त किस दिन है 2023

    comming soon

  • स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर क्या है?

    स्वतंत्रता दिवस भारत जिस दिन आजाद हुआ था उस दिन यानी 15 अगस्त को हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है जबकि 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था उस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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आज क्या सीखें –

हमारे ब्लॉग HindiNote द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर निबंध यानी 15 अगस्त पर निबंध की जानकारी दी गई है। सभी पाठकों से उम्मीद है कि उक्त लेख आपको अच्छा लगा होगा। लेख में स्वतंत्रता दिवस क्या है स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है भारत के स्वतंत्र हुआ और स्वतंत्रता दिवस से हमको क्या प्रेरणा मिलती है की जानकारी भी समाहित की गई है। धन्यवाद।

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